Priyanka Mishra   (Priyanka Mishra)
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Joined 15 August 2019


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Joined 15 August 2019
1 AUG AT 16:34

मैं
देख रही हूँ
रास्ता तुम्हारे आने का
इससे पहले की मैं ना रहूँ इस दुनिया में
देखना चाहती हूँ जी भर के तुम्हें अपनी आँखों से
वो जो कभी ना कह पायी तुमसे की हाँ मैं बेइंतहाँ प्यार करती हूँ तुमसे
तुम्हारे बिन अधूरी और तुम्हारे साथ सम्पूर्ण होती हूँ मैं और मेरी ज़िन्दगी ।।

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1 AUG AT 16:27

She open up childhood memories of her mother in which my mother was calm and innocent ..





In which I would like to see my mother innocent laughter and the unity of my mothers 🏠 home..

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30 JUL AT 9:14

तुम हो तो मैं हूँ बिन तुम्हारे कुछ नहीं,
तुमसे हीं मेरी ये शाम ये सुबह है,

तुमको ही चाहते रहना है ‘हमसफ़र’ ,
तुम्हारे अलावा और कुछ नहीं ।

तुमसे ही उलझना सुलझना भी तुम्ही से,
तुम्हारे अलावा मुझे मिला क़रार कहीं नहीं,

मेरी तन्हाई में हो तुम ‘हमसफ़र ‘,
और मेरी जीवन की कहानी का किरदार हो तुम,
तुम्हारे अलावा और कोई नहीं।।

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18 JUL AT 23:13

तुम्हारी चाहत में सनम मैं ‘ अकारत ‘ हो गई ,
तुम्हारी ख़ातिर इस जमाने से मेरी बगावत हो गई,

तुम बेवफ़ा थे तुम्हें मेरी क्या कदर होगी,
तुम्हें क्या पता की मेरी और हश्र क्या होगी,

तन्हा थी की तुम्हारे प्यार में और तन्हा हो गई,
तुम्हारी चाहत में सनम मैं ‘ अकारत ‘ हो गई ।

जी भर के जी भी ना पायी की कब्र में ही सो गई,
तुम्हारी ख़ातिर इस जमाने से मेरी बगावत हो गई।।

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18 JUL AT 22:58

दिल में बस जाते हैं कुछ अनजाने कुछ जाने अनमोल रिश्ते,
हम हाल -ए- दिल बयाँ करने लगते है उनसे सारे अपने,

एक एक परते ख़ुशी के ग़म के खोलते जाते हैं ज़िंदगी के,
फिर वही चुभन फिर वही दर्द देने लगते हैं ये झूठे रिश्ते,

कुरेद कर सारे जख्म मेरे दर्द देने लगे ये झूठे रिश्ते,
सारे वादों की इमारत ढह गई एक पल में ये बिकते रिश्ते,

कैसे कैसे ख़्वाब दिखाते हर सपनों को निर्ममता से तोड़ते रिश्ते,
अपनों को अपनों से दूर करते रिश्ते ।
हाँ ये झूठे रिश्ते ।।

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3 JUL AT 22:39

दिल में इतनी तो जगह दीजिए,
हम रूठें और आप हमें मना लीजिए,

यूँ ना हमसे नज़रों को फेरा कीजिए,
आपकी हूँ ये बात अपने दिल को बता दीजिए,

जो है आरज़ू आपके दिल में वो बयाँ कीजिए।
हम रूठें और आप हमें मना लीजिए ।।

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20 JUN AT 22:51

दिन के उजाले में रास्तों की भीड़ में हर तरफ़ शोर है,
सत्य किसी को दिखता नहीं दिल में सबके जोश है,
दिलों में अँधेरे को स्थान दिए नहीं जीवन में किसी के भोर है।
ये रात क्यों खामोश है।।

गलियों से गुजरते देखा लोगों के हृदय में चिंताओं का बोझ है,
किसी के जीवन में ख़ुशी तो कोई ग़म से कमजोर है।
ये रात क्यों खामोश है।।

दिन तो कट जाता है कटती नहीं ये रात है,
होश तो संभाला सबके सामने मैंने,
पर आंसुओं से भीगी हर रात है।
ये रात क्यों खामोश है ।।

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19 JUN AT 9:50

जख़्म दिए जब उसने तो मरहम बना वो ही,
क़त्ल मेरा उसने किया तो मेरा क़ातिल भी वो ही,

ज़र्रा ज़र्रा है गवाह उसके गुनाह का,
मेरा हाँथ थामा तो उसने ही था और छोड़ा भी उसने ही।

किस पर इल्ज़ाम लगायें हम बेवफ़ाई का,
वफ़ादार तो वो ही था बेवफ़ा भी निकला वो ही,
क़त्ल मेरा उसने किया तो मेरा क़ातिल भी वो ही।

आँसुओं से भीगी रातें तो सुबह की मुस्कुराहट वो ही,
हर ख़ुशी मेरी उसी से ,हर दुख का मेरे कारण भी वो ही।।

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18 JUN AT 18:42

Writing is the only way because writing gives form to the feeling of the mine..

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1 JUN AT 8:47

जब तुम बनके आए मेरा सहारा,
मुझे हर मुश्किलों से उबारा,
तब तब मेरे दिल ने तुम्हें पुकारा।

खट्टे मीठे पल जो साथ तुम्हारे गुजारा,
नोक झोंक का मजा भी तुम्हारे साथ खूब लिया,
तुमसे लड़ते हुए भी ऐ हमसफ़र तुम्हें दिल में उतारा,
तब तब मेरे दिल ने तुम्हें पुकारा।

भीगे आसुओं से मन को जब तुमने हँसाया,
हर परिस्थिति में तुमने ही मेरा मान बढ़ाया,
तब तब मेरे दिल ने तुम्हें पुकारा ।।

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