क्या थे क्या हो गए,
तुझे खो कर खुद को भी खो दिया
तुम ना आते तो कुछ ख्वाइशे रहती जीवन में
तुम गए तो सही, लेकिन ख्वाईशे भी ले गए
कुछ रातें ऐसे हो जाती है , जिस की सुबह देखने को आंखो को पूरी रात बारिश में भीगना पड़ता है ।
ना किसी से दिल का हाल बया कर सकते है ,ना बर्दास्त होता हैं , आधे अधूरे से वादे लिए , बस लाभों पर मुस्कुराट लिए फिरते है
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तेरा इंतजार मेने इसी जिंदगी में इस कदर किया है की, में किसी और की होकर भी दिल उस की होने की इजाजत नहीं दे रहा है ,
किसी और के होने के ख्याल से ही दिल बेचने हो उठता ......-
हमे महंगे तोफो का सोख है तुम हमे, तोफे में खुद को दोगे क्या
हमे सोख है तुम्हारे साथ रहने का, तुम मुझे एक छोटे से आसियाने में खुशियां बांटने का मौका दोगे क्या
मुझे सोक है सब के साथ खुशियां बांटने का तुम मुझे , तुम्हारे साथ अपने दर्द बांटने का मौका दोगे क्या
मुझे सोक नहीं बाहरी दिखावे कि चिजो का तुम मुझे अपने दिल में थोड़ी जगह दोगे क्या
तुम्हारे संग हर खुशी बांटनी है ,तुम मुझे अपने गमों के आगे खड़ा होने का मौका दोगे क्या
तुम मुझ पर थोड़ा भरोसा कर के देखो गे क्या ,हम तुम्हें हर ग़म से बेगाने और तुम्हारे हर पल में खुशियां भरने कि चाहत रखते हैं,
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हाथ थामने वाले तो जिंदगी के हर मोड़ पर मिल जायेगे, बात तो तब हो जो हाथ थाम कर जिंदगी के सफर में हमसफ़र बने, और मंजिल मिलने के बाद भी ,एक दूसरे के हमदर्द बने रहे
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सब ठीक तो है, फिर भी मन बेचने है , कैसे भुलु उन पलों को, जीन पल में , सिर्फ तुमे मांगा है, कैसे उसी चांद से किसी और के लिए दुआ करू जिस से सिर्फ तुझे चाहा , इस से जिसकी ख्वाइश की वो मिला नही , जो मिला उसकी ख्वाइश की नही कभी...
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पैरों को हमने पायल से अक्सर सजाया है ,बस अब इंतज़ार है उस पल का जिस पल में तुम्हारे दरमियान आके इन पैरों को तेरे नाम कि बीछीयो से 'ता-उम्र' सजाएं गें
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तुम इश्क में हमारे, मेरी खुबसुरती को कुछ इस कदर सजाना , ज्यादा नहीं बस बालों को तुम मेरे फुल से सजाना
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ख़ुद को खो कर एक बस तुम्हे पाने कि चाहत रखी है,
तु एक बार करीब से महसूस तो कर मेरी इस चाहत को
मेरी ये चाहत कितनी कमाल कि होगी ,
जिसमें में मेने , ख़ुद को खुद में खो कर एक तुझे पाना चाहा
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किन लफ़्ज़ों में ब्यान करूं अपने इस इंतज़ार को
हर पल ,हर वक्त ,हर लम्हे में ,बस सोचा है तुम्हारे प्यार को
तु एक दफा आके इस इंतज़ार को अपनी मंजिल से रूबरू तो करा ,
क्योंकि धड़कने बेकरार हैं, तुम्हारे दीदार को
बड़े खुशनसीब होंगे हम उस लम्हे में, जिस लम्हे में तेरे हाथों में होगा हाथ मेरा-