আমার মনের শব্দ
ঈশ্বরীয় ক্ষমতা প্রাণে
হেনো স্বর্গ লব্ধ।
বাংলা ভাষা আমার গর্ব
শ্রেষ্ঠ সবার চেয়ে
শব্দ জ্ঞান বুদ্ধি মন
আকাশটাকে ছুঁয়ে।
বাংলা সাহিত্যের পুঁথি কত
শিক্ষার ভাবনা জ্ঞাত
মাতৃ রূপী স্নেহা রয়ে
জ্ঞানের প্রকাশ শত।
অভাব সকল শব্দ যত
বাংলার ব্যাখ্যা দিতে
শ্রমের দ্বারা প্রাপ্তি হবে
সকল জ্ঞাতার হৃতে।-
It is wise ro adapt to difficult truth........ read more
कुछ ऐसे मिले
की हमें जितना सीखा दिया
जिंदगी ने बताया कुछ ऐसे बातें
की हमें बोलना सीखा दिया
उसने दिए सिख कुछ ऐसे
की किसिके सोच को पहचानने लगे हम
बताया उसने समय पे ऐसे
की समय को पढ़ना सीखे है हम
तुमसे बातें हुए थे जो
उसने उसका बताया मतलब
जिंदगी की उस सिख थे कुछ ऐसे
की दिल टूटते नहीं है और अब-
তুমি কি ছিলে সেই ক্ষণে?
নাকি আমি দেখেছি মিথ্যা ছবি তোমার!
তখন তবে অনুভূতি কেনো ছিল সেই?
হাজার প্রশ্ন যেনো মনে,পাশে তুমি নেই!-
एक गुंजारिश तो की
तुमने सोच लिया पलट जाने का
हमने बफाएं तो दी
पर क्या आगे तुम्हारा मंजिल में है और कोई?
हमने अभी भी उम्मीद तुम्हारा छोड़ नहीं दी
सपने बुनी तो थी
तुमने तोड़ दिया है क्यों?
दिल में छुपा के कुछ और
तो हमें बिगाड़ा है क्यों?
हो जाओ अलग अगर
चाहते नहीं ये सफ़र
रूकेंगे नहीं फिर भी ये दिल
तुमने है दिया छोड़ मगर.......♡...♡..🍁-
The latest thing is never yours
Because,
Your latest thing today will be less expensive tomorrow than any other!-
ফুল ফুটেছে তোমার হাসিতে
আলোমাখা ভালোবাসা মিশিয়ে
থেকো প্রিয় এই ক্ষণে
প্রেমে পড়া প্রাণে।
ভালোবাসা প্রকাশ পেয়েছে
মনে খোলা বাতাস
উড়ে চলি দুজনে
খুশি হয় আকাশ
♡‿♡....❣️❣️❣️
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আজ দেখি উষ্ণ আভা জড়িয়ে।
নীরব মনে উঠলো ঝর
সময়কে হারিয়ে।
শান্ত চোখে
বৃষ্টি ফোঁটা বিন্দু বিন্দু পড়লো হেসে
খুশির ছোঁয়া আমায় ছুঁয়ে
নামলো ঝরে তোমায় মিশে।
আমার আকাশ দূরের পারে
তোমায় ছুঁয়ে যায়
উজাড় হোক উদার হৃদয়
পাহাড় দেখে যায়।
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बदल तो गई उसकी बातें
सपनों में है वो असल में नहीं
गलत थी मैं वो और कहीं
मानती थी प्यार,झूठा नहीं
उसको चाहा तलाशा नहीं
हालात कुछ ऐसा थी की
वो आए न आई मैं
चुप रहा नहीं गया फिर भी
करने चला बातें अभी
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पल भर में ऐसा लगा
कहीं खो तो नहीं गई?
खुशी दिल को ऐसा छुआ
मैं बदल तो नहीं गई?
क्या सच में तुम हो मिले मुझे
क्या आज हुआ है वो जादू?
दिल तो मानता ही नहीं
क्या सच में आ गया तू?-
একা আজ একটি ফুল
সে ছিল কাল তবে
সন্ধ্যায় সুভাস ছড়িয়ে
একলা আবার হবে।
মনের পথ খুঁজে বেড়ায়
তার হৃদয়ের দিশা
ইচ্ছা করে উড়ে যাই
কাটিয়ে রাতের নেশা।
তুমি আসবে সেই যে আশা
ধরবে হাতটি আমার
আশাতে কাটছে দিনের ক্ষণ
অপেক্ষায় রয়েছি তোমার।-