ना रहेगा रक्षित सदैव गीत गायन से ..
हो जाएगा लुप्त इतिहास पुण्यधाम का ..
पापियों के नाश हेतु भूलिए इसीलिए न..
मार्ग कभी दंड-भेद और साम-दाम का ..
शान्ति हेतु विफल भले हो जाएँ उपदेश ..
किन्तु शस्त्र तो सदा रहेगा बड़े काम का ..
केशव का चक्र भोलेनाथ का त्रिशूल ..
और राम का धनुष फरसा परशुराम का..-
महज कुछ ही तो बचे हैं मेरे पास लफ्ज़।... read more
वो बीता दर्द सोचकर,
दिल बहुत रोता है..
जब मुझे अकेलापन,
कहीं महसूस होता है..
मुस्कुराहट के आगोश मे,
छिपा जाते है आँसू..
यही जरिया है जहाँ ,
दुःख जरा कम होता है..-
कोटि कोटि नमन करूँ।।
भारत माँ के लाल को।
है अभिमान देश के सौर्य बलिदान पर।
पिंदार है मुझे अपने शहीद जवान पर।।-
सुनो बहाने व्यस्तता के तुम ना गिनवाओ..
है गर इश्क़ तो हर लम्हा हमारे नाम करो..-
सारी दुविधाओं पर तुम स्वयं भारी हो..
क्योंकि याद रखो की तुम एक नारी हो..-
जैसे की केवल एक बल मात्र होने से
आप कभी पुरूष नही बन सकते..
ठीक वैसे ही केवल सौंदर्य तन होने से
आप स्वयं को स्त्री नही कह सकती..-
प्रेम मे तो वैसे नही होता..
लेकिन मै हमेशा आभारी रहूँगी..
तुम्हारी की तुमने..
मुझसे अनहद प्रेम किया है...-
जिसने शिव को है जान लिया..
उसने खुद का खुद ही भान किया..
पवित्र मन से बोलो ओम-ओम..
सिहर जायेंगे तुम्हारे रोम-रोम..-
आदि और अनंतकाल शिव है..
सृष्टि का आधार शिव है..
नित हृदय प्रति रोम रोम..
निश्वाशर ओष्ठ कहे ओम ओम..
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दबे पांव चले आ रहे गम..
किन्तु ये अधर मौन है..
यहाँ वक्त की मार से..
लोचन भी हुई नम है...
अब तु बता ऐ जिन्दगी..
जहाँ मे सुखी कौन है..-