Priyanka Chouhan  
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Joined 11 July 2020


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Joined 11 July 2020
5 OCT AT 21:03

"अब हम शिकवा नहीं करते"
सांसारिक जोड़ घटाव में
गणित सी लगती हे जिंदगी
और इसके कठिन इम्तिहान
उसमे उलझा नहीं करते
अब हम शिकवा नहीं करते .....
होती जब विपरित परिस्थितियां
अंग्रेजी के उच्चारण से
अपने भी खामोश हो जाते है
उनको ढूंढा नहीं करते
अब हम शिकवा नहीं करते.....
जटिल वक्त हो या सरल
निभाने वाले निभा जाते हे
फिर चाहे वो कितने हो पराये
उनको जुदा नहीं करते
अब हम शिकवा नहीं करते.....
जिंदगी को जी भरकर जीना
किसी से गीला ना करना
जाने वाले ये जो पल हे वो
फिर लौटकर मिला नहीं करते
अब हम शिकवा नहीं करते......प्रियंका चौहान

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25 JUN AT 10:49

चाहे समस्या कितनी भी बड़ी हो
मन के पास एक राह है, चाहे मुश्किले कितनी ही खड़ी हो
बस जरूरत होती है उसे समझने की
और एक चाह चाहिए, उससे निकलने की

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23 MAR 2024 AT 13:01

"तुमसे है"
बेचैनी तुमसे है
सुकून भी तुमसे है
सांसों से कुछ नहीं होता
दिल की हर धड़कन भी तुमसे है..
जिंदगी में मुश्किल है
मुश्किल का हल भी तुमसे है
आज तो है ही है मेरा
मेरा कल भी तुमसे है..
बन गए हो मोहन मेरे
मन बावला हर्ष भी तुमसे है
साथ रहो ना रहो मेरे तुम
जीवन का उत्कर्ष भी तुमसे है..

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25 FEB 2024 AT 13:47

"साझेदार नहीं मिलता "
मुस्कुराहट पर तो सभी फिदा है
आंसुओं का हिस्सेदार नहीं मिलता ..
बात करते हैं अधिकारों की
कर्तव्यों में कोई हकदार नहीं मिलता..
मुंह पर तो सभी अपने हैं
पीठपीछे हो अपना ऐसा कोई वफादार नहीं मिलता..
यह कड़वी सच्चाई है इस दुनिया की
मुसीबत में कोई मददगार नहीं मिलता ...
कर दे सफाई दिलों में जमे मैल की
कोई ऐसा जमादार नहीं मिलता ..
मिलता है सब कुछ इस दुनिया में
बस एक सच्चा यार नहीं मिलता ...
सुख में तो मिल जाते हैं हजारों
दुख का कोई साझेदार नहीं मिलता... प्रियंका चौहान

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27 SEP 2023 AT 19:01

दर्द को अपने छुपा कर क्या करोगे
खुद को यूं बहलाकर कर क्या करोगे
बह जाने दो इस दर्द को अश्कों के साथ
इन्हें आंखों में यूं सजा कर क्या करोगे बताने से कम हो जाता है गम भी
खुद को यूं अकेले जलाकर क्या करोगे

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23 JUL 2023 AT 7:51

खुशियों की चाहत में,
फुहारों की ख्वाहिश थी
यहां तो सब उल्टा हो गया,
मुश्किलों की बारिश है
सोचा था सावन आएगा ,
अपने संग खुशियां लाएगा
यहां कहीं बादल फट रहे ,
रिमझिम नहीं ,जमकर बरस रहे
नदियां बन गई है समंदर ,
घुस गई शहरों के अंदर
बचा ना कोई ठिकाना ना ठोर ,
त्राहिमाम है चारों ओर
प्रभु यही फरमाइश है,
रोको मुश्किलों की बारिश है

Priyanka Chouhan ✍️✍️

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16 JUL 2023 AT 22:29

बैठ अकेले मुस्कुराने लगे हैं
तन्हाईयों में गुनगुनाने लगे हैं
सुनाने में तुमको अपनी दिल की बात
हमको कई जमाने लगे हैं
अब ना होना दूर हमसे कभी तुम
संग तुम्हारे हम सपने सजाने लगे हैं....

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15 JUL 2023 AT 19:14

जो इंसान बुरे समय में आपके साथ ना हो उसका अच्छे समय में साथ होने का कोई मतलब नहीं होता

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12 JUL 2023 AT 19:47

शब्दों का यह स्वभाव होता है
उनमें छुपा एक भाव होता है
जो बना देता है दिलों में जगह
या फिर दूरियां और दुर्भाव होता है
इसलिए सोच समझकर बोलना हर शब्द
क्योंकि शब्दों का बहुत प्रभाव होता है.....😊❤️

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11 JUL 2023 AT 18:23

दुख को किसी के कम कर पाऊं
तो मुझे खुशी मिलती है ...
किसी उदास चेहरे पर मुस्कुराहट ले आऊं
तो मुझे खुशी मिलती है ...
सुन लेने से गम कम नहीं होता
पर उसके गम को साझा कर पाऊं
तो मुझे खुशी मिलती है....
यूं तो निरर्थक है सारी जिंदगी
पर किसी के काम आ जाऊं
तो मुझे खुशी मिलती है.....

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