"तुमसे है"
बेचैनी तुमसे है
सुकून भी तुमसे है
सांसों से कुछ नहीं होता
दिल की हर धड़कन भी तुमसे है..
जिंदगी में मुश्किल है
मुश्किल का हल भी तुमसे है
आज तो है ही है मेरा
मेरा कल भी तुमसे है..
बन गए हो मोहन मेरे
मन बावला हर्ष भी तुमसे है
साथ रहो ना रहो मेरे तुम
जीवन का उत्कर्ष भी तुमसे है..-
"साझेदार नहीं मिलता "
मुस्कुराहट पर तो सभी फिदा है
आंसुओं का हिस्सेदार नहीं मिलता ..
बात करते हैं अधिकारों की
कर्तव्यों में कोई हकदार नहीं मिलता..
मुंह पर तो सभी अपने हैं
पीठपीछे हो अपना ऐसा कोई वफादार नहीं मिलता..
यह कड़वी सच्चाई है इस दुनिया की
मुसीबत में कोई मददगार नहीं मिलता ...
कर दे सफाई दिलों में जमे मैल की
कोई ऐसा जमादार नहीं मिलता ..
मिलता है सब कुछ इस दुनिया में
बस एक सच्चा यार नहीं मिलता ...
सुख में तो मिल जाते हैं हजारों
दुख का कोई साझेदार नहीं मिलता... प्रियंका चौहान-
दर्द को अपने छुपा कर क्या करोगे
खुद को यूं बहलाकर कर क्या करोगे
बह जाने दो इस दर्द को अश्कों के साथ
इन्हें आंखों में यूं सजा कर क्या करोगे बताने से कम हो जाता है गम भी
खुद को यूं अकेले जलाकर क्या करोगे
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खुशियों की चाहत में,
फुहारों की ख्वाहिश थी
यहां तो सब उल्टा हो गया,
मुश्किलों की बारिश है
सोचा था सावन आएगा ,
अपने संग खुशियां लाएगा
यहां कहीं बादल फट रहे ,
रिमझिम नहीं ,जमकर बरस रहे
नदियां बन गई है समंदर ,
घुस गई शहरों के अंदर
बचा ना कोई ठिकाना ना ठोर ,
त्राहिमाम है चारों ओर
प्रभु यही फरमाइश है,
रोको मुश्किलों की बारिश है
Priyanka Chouhan ✍️✍️
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बैठ अकेले मुस्कुराने लगे हैं
तन्हाईयों में गुनगुनाने लगे हैं
सुनाने में तुमको अपनी दिल की बात
हमको कई जमाने लगे हैं
अब ना होना दूर हमसे कभी तुम
संग तुम्हारे हम सपने सजाने लगे हैं....-
जो इंसान बुरे समय में आपके साथ ना हो उसका अच्छे समय में साथ होने का कोई मतलब नहीं होता
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शब्दों का यह स्वभाव होता है
उनमें छुपा एक भाव होता है
जो बना देता है दिलों में जगह
या फिर दूरियां और दुर्भाव होता है
इसलिए सोच समझकर बोलना हर शब्द
क्योंकि शब्दों का बहुत प्रभाव होता है.....😊❤️
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दुख को किसी के कम कर पाऊं
तो मुझे खुशी मिलती है ...
किसी उदास चेहरे पर मुस्कुराहट ले आऊं
तो मुझे खुशी मिलती है ...
सुन लेने से गम कम नहीं होता
पर उसके गम को साझा कर पाऊं
तो मुझे खुशी मिलती है....
यूं तो निरर्थक है सारी जिंदगी
पर किसी के काम आ जाऊं
तो मुझे खुशी मिलती है.....-
"स्त्री जीवन की पीड़ा"
आसमान मैं घिर आया काला साया
किसी की आंखों में, पानी भर आया
लो फिर आई बदली घनी
हर बूंद की है ,कहानी अपनी
हर बूंद कहती है अपनी आत्मकथा
जिसके पीछे छुपी है उसकी मौन व्यथा
छोटे से जीवन की कहानी किससे कहे
इससे अच्छा है कि मौन रहे
आंखों से टपकी बूंद का इतिहास होता है
दुनिया करती है व्यंग, उपहास होता है
ना कहो "स्त्री जीवन की पीड़ा'' चुप ही रहने दो.................... मुस्कुराते मिथ्या अभिनय में ही उसे जीने दो......
Priyanka chouhan
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जिंदगी की चुनौतियों से मेरी बहुत जमती है
हार ना जाऊं उनसे , यह कोशिश तो बनती है...
कमल से सीखा है मैंने मुस्कुराने का राज
कितना भी हो कीचड़ , सुंदरता तो खिलती है...
गुलाब से लिपटे होते हैं कांटे भी
चुभन के बाद भी उनकी ,खुशबू तो फैलती है...
कितना भी हो संघर्ष जिंदगी में
एक दिन होगा सब ठीक ,उम्मीद पर दुनिया चलती है....-