Priyanka Chhabra   (प्रिया)
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Joined 20 July 2024


Joined 20 July 2024
12 APR AT 11:58

ना जाने कितने दौर अभी बाक़ी हैं
तेरी मेरी कहानी में कुछ और मोड़ अभी बाक़ी है


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10 APR AT 8:52

बुझती आँखों में भी उम्मीदों का एक सैलाब लिए बैठे हैं

कभी आके मिल मुझसे भी ए ज़िंदगी हम तेरे लिए प्रश्नों की इक किताब लिए बैठे हैं


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31 MAR AT 19:34

मेरे अहसासों की किताब

जब कोई मेरे अहसासों की किताब को पढ़ेगा,
ना जाने कितने क़िस्से उसमें मिलेंगे।
हर क़िस्से में टूटते-बनते कुछ हिस्से मिलेंगे,
अश्कों में डूबे न जाने कितने ही पन्ने मिलेंगे।
हर पन्ना कुछ ख़ास होगा, हर पन्ने में ग़म-ए-एहसास होगा।
ज़िंदगी के मोड़ पर, ए मुसाफ़िर, कहीं ना कहीं, हम-तुमसे फिर मिलेंगे।
यादों को समेटे, कुछ ख़ुशियाँ मिलेंगी,
पर न जाने कितने ग़म के तराने भी साथ होंगे।

और कभी, जब ऐ ख़ुदा, हम तुझसे मिलेंगे, सामने रख अपनी इस किताब के पन्ने पलटेंगे।

तब हिसाब भी होगा, सवाल-जवाब भी होंगे,
हर लफ़्ज़ में बिखरी होगी हमारी दास्तान,
हर सवाल में छुपे होंगे अनगिनत अरमान।

फिर तेरा फ़ैसला होगा, हमारा मुक़द्दर बोलेगा,
और शायद, इन तमाम जवाबों के बाद,
हम भी सुकून से अपनी रूह से मिलेंगे।

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1 MAR AT 18:05

ना सोचा कभी ख्वाबों ख्यालों में भी जो
किस अनजानी सी राह पे ले चली है ज़िंदगी

बरबादियों का बवंडर पहले कुछ कम था जो
अब एक नए तूफ़ानी रंग में भिगो रही है ये ज़िंदगी



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10 FEB AT 7:54

आज फिर से आई वो तारीख़, जब घर में खुशियों की थी रौनक,
जब आपकी हँसी का उजाला, हर कोने में बिखरा करता था।

आज भी कैलेंडर की वो तारीख़, दिल के ज़ख़्मों को कुरेदती है,
पर यादों की बारिश में भीगकर, हम फिर से आपको महसूस करते हैं

वो कंधे, जहाँ बचपन सोया था, वो हाथ, जो गिरने से पहले थाम लेते थे,
आज भी मेरे इर्द-गिर्द हैं, बस, दिखते नहीं… मगर महसूस होते हैं।

कहते हैं, स्वर्ग में जन्मदिन नहीं होते, पर मुझे यक़ीन है,
आज भी सितारों के पार, कोई दिया रोशन हुआ होगा।

आप जहाँ भी हों, खुश रहें, यही दुआ हर दिन करती हूँ,
आपकी दी हुई हर सीख, अब मेरी राहों का दीप बन गई है।

हैप्पी बर्थडे, पापा…
आज भी आप मेरे साथ हैं,
हर धड़कन में, हर साँस में… ❤️

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9 FEB AT 12:08

Inhale Love and Exhale Doubt


(Prem Rawat)



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7 FEB AT 10:20

अक्सर हाथ में गुलाब लिए मिलते थे जो लोग
अब मिलने पर भी ना देते एक rose वो दोस्त
तन्हाई में अक्सर आँसू पोंछते थे जो लोग
अब बुलाने पर भी नहीं मिल पाते हैं वो दोस्त
भीड़ में भी ढूँड किया करते थे अपनों को जो लोग
अब ढूँढने पर भी जज्बातों से नहीं बन पाते हैं वो दोस्त


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5 FEB AT 20:46

दिल्ली मतदान स्पेशल 2025

आज मैंने सुबह उठ कर झाड़ू लगाने के बाद हाथ धोकर फिर गैस सिलेंडर पे नाश्ता बनाया !
घड़ी के बैटरी बदल कर सेब खाया ।
बल्ला घुमा के टोपी पहन कर पान का लुत्फ उठाते हुए हाथ में कमल लिए वोट देकर अपना दिन सफल बनाया !



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28 JAN AT 12:01

मैं ही राम
मैं ही कृष्ण और
मैं ही तेरा शिव हूँ
तेरे हर पल में
हर रोम रोम में
मैं निहित हूँ
मत घबरा तू ए प्राणी
तेरे जीवन के हर इक क्षण में
मैं सम्मिलित हूँ

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20 DEC 2024 AT 22:31

फिरते थे हम अपनी मौज में
जी रहे थे हम अपने अकेलेपन में
ना उम्मीद थी ना आस किसी से
ना शिकवा ना थे हम नाराज किसी से
इक रोज़ एक अनजाना सा आ गया गली में
पता ना चला कब दिल में घर कर गया कहीं से
भुलाने की लाख कोशिश कर डाली हम ने
ना जाने किस पल में कभी अपना तो कभी बिलकुल पराया सा कर गया वो हमें

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