एक लड़की है ।
(कविता अनुशीर्षक में )
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Pune, India
Multitalented Artist ✌️
Joined YQ on 9 May, 2017
Instagram: @mr_awesm
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कोई मिले तो हम भी सुधार लेंगे
अपनी आदत यूँ मुसकुराने की
कभी किसी ने हाथ थामा ही नहीं
तो लग गई आदत दर्द छुपाने की-
एक मुद्दत से उनका
इंतज़ार ही तो किया है हमनें
आरज़ू है कि कर के मुलाक़ात
वो ये रिवाज़ तोड़ दें-
कभी लगता है बहुत पास हूँ उसके
कभी बहुत दूर हो जाता हूँ
नाराज़गी भी है उनसे और उनसे ही
इश्क़ करने पे मजबूर हो जाता हूँ
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गुज़र गया पूरा दिन
तुमसे मुलाकात ना हुई
तुम्हें देखे बिना सोये हो
ऐसी कोई रात ना हुई
यादें लेकर तेरी बैठें हैं
अब सुबह के इंतजार में
जो कल भी दीदार ना दो
ये कोई बात ना हुई-
ठहरा हूँ आज भी वहीं
तेरी जिन्दगी के उस पन्ने पे
जिसे बाद में पढने के लिए
तुमनें आज तक मोड़े रखा है
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इंतज़ार है ।-
उससे नाराज़ ना होने का वादा
मैं कभी-कभी तोड़ देता हूँ
जब होने लगती है मोहब्बत उससे
मैं अक्सर बात करना छोड़ देता हूँ-
है आसान अब हर उस चीज़ को ज़िन्दगी से निकालना जो नहीं चाहिए ।
मेहनत बस इतनी है की उसे जी भर के चाहना है ।-
मुझे उसकी तलाश है ।
जो कभी पागल सी हो, नादान सी
तो कभी इतनी सयानी, जैसे हो मेरी नानी
जो कभी हो एक महकती गुलाब सी
तो कभी इतनी सरल हो, जैसे दरिया का पानी
इस पगले से दिल की चाभी जिसके पास है
मुझे, उसकी तलाश है ।
जो कभी साथ चलते चलते मेरा हाथ थाम ले
जो दूसरों से बात करते करते भी गलती से मेरा नाम ले
जिसके बस छूने भर से मेरा ज़ख़्म भर जाये
जिसकी नजरें नज़रों से मिलने से सारा वक़्त थम जाये
वो जिसकी नापसन्द मुझे भी अच्छी ना लगे
वो जिसकी हर पसन्द मुझे बेहद खूबसूरत लग जाये
वो जिसके साथ बिताया हर एक पल मेरे लिए खास है
मुझे, उसकी तलाश है ।
जो मेरी हर रात का सबब बने
जो मेरी हर सुबह की अंगड़ाई
जिससे इश्क बेशुमार हो
और हो कभी छोटी-मोटी लड़ाई
जो मेरे साथ कुछ यूँ रहे
जैसे रहती है मेरी परछाई
वो जो मेरे शायद में है
वो जो मेरा काश है
मुझे, उसकी तलाश है ।
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मैं तुम्हें इश्क़ कहना चाहता हूँ ।
हाँ ! मैं जानता हूँ, हम दोस्त हैं
पर मैं इससे अब आगे बढ़ना चाहता हूँ
मोहब्बत तो पहली नज़र में हो गयी थी
अब बस उस चाहत का इज़हार करना चाहता हूँ
मैं तुम्हें इश्क़ कहना चाहता हूँ
नहीं ! सिर्फ दोस्त बन के नहीं रहना मुझे
मैं तुम्हारे हर किस्से का हिस्सा बनना चाहता हूँ
साथ बैठकर छुप-छुप के बहुत देख लिया
अब तुमसे नज़रें मिलाकर, तुम्हें अपना कहना चाहता हूँ
तो क्या हुआ, तुम मुझे सिर्फ दोस्त समझती हो
तो क्या हुआ तुम मुझे सिर्फ दोस्त समझती हो
मैंने कभी तुम्हें प्यार करने को तो नहीं कहा
तुमसे इस शर्त पे तो मोहब्बत नहीं करी थी
की तुम भी मुझको चाहोगी
मैं बस इस एक तरफे इश्क में अपने हिस्से का सारा
प्यार देना चाहता हूँ ।
मैं तुम्हें इश्क़ कहना चाहता हूँ ।
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