जब से बिछड़ा है, उससे, ये दिल कुछ बीमार है
कर कुछ भी नही पाता, इतना ये लाचार है
एक पल में उसने दामन छोड़ा, एक पल में हमसे दूर हुआ
ख्वाब जो संग देखा था, एक पल में चकनाचूर हुआ
बहुत समझाया हैं इस दिल को, सारी कोशिश बेकार है
लेकिन, इस दूरी से गर वो खुश है, तो हमें भी सब स्वीकार है
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छोड़ गया वो हमको, वजह नही बताया
कहां गया वो, कुछ पता नही बताया
जाने क्यों सब खत्म हुआ, जाने हमसे क्या भूल हुई
सज़ा तो दे दी उसने, लेकिन, खता नही बताया-
सपने जो देखा था कभी, कुछ इस कुदार टूट गए
जो अपने मिले थे इस सफर में, सफर में ही छूट गए
संभाल न पाए हम रिश्ते, इस बात से शर्मिंदा है
वो लम्हे जो साथ बिताया था, जहन में सब जिंदा है
उनकी यादों में ये दिल अब दिन रात रोता है
ये सर जब भी झुकता, दुआ में उनका नाम होता है
भले इस सफर में अब, उनसे मुलाकात न हो लेकिन
उन्हें उनकी मंजिल मुकम्मल हो, रब को यही पैगाम होता है
ये सर जब भी झुकता, दुआ में उनका नाम होता है-
जिस सफर की मंजिल न हो, उसे एक खूबसूरत राह की ओर मोड़ देना
पहले बनाना उन गलियों को गुलशन, फिर चाहो तो उन्हें छोड़ देना
उन गलियों में कभी किसी रहबर से भी मुलकात होगी
आएगा कोई बेहद करीब, किसी से दिल की बात होगी
कोई तुम्हारा सहारा बनेगा, किसी को तुम संभाल लेना
परिस्थिति विप्रीत हो कभी, तो उसे अपने अनुकूल ढाल लेना
अगर ये साथ तुमको गंवारा न हो, तो बेशक उसे छोड़ देना
बस कोशिश करना, इस सफर में, किसी अपने का दिल मत तोड़ देना
जिस सफर की मंजिल न हो, उसे एक खूबसूरत राह की ओर मोड़ देना
पहले बनाना उन गलियों को गुलशन, फिर चाहो तो उन्हें छोड़ देना-
आसमान का साफ होना भी जरूरी है
महज रात होने से सितारे नही होते
यूं तो रोशन हो जाता है जहां, एक दीपक जलाने से लेकिन
नजरिया भी चाहिए होता है, रोशनी होने से नजारे नही होते
हर रिश्ता मांगता है दो तरफा कोशिश,
दोनो तरफ से वैसे ही एहसास मांगता है
एक तरफा रिश्तों का खत्म हो जाना ही बेहतर है
ऐसे रिश्तों के अंजाम, कभी प्यारे नही होते
कश्ती को चाहिए होता है लहरों का सहारा
सिर्फ मल्लाह की कोशिश से किनारे नही होते
आसमान का साफ होना भी जरूरी है
महज रात होने से सितारे नही होते
नजरिया भी चाहिए होता है, रोशनी होने से नजारे नही होते-
जाने किस उलझन में है मन,
जाने क्यों ये इतना निराश है
जाने क्यों है ये बेचैनी इतनी,
जाने क्यों ये इतना हताश है
न गिलें है न शिकवें है
न किसी से कोई शिकायत है
किसी से नाराज़गी भी नही है कोई इसको,
जाने फिर भी क्यों ये इतना उदास है
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बैठो किसी सुबह -ए- लखनऊ, और साथ मेरे अवध की शाम कर दो
मेरा दिन खुशियों से भर दो तुम, एक शाम मेरे नाम कर दो
एक कॉफ़ी, एक हम, एक तुम, हम सब एक हो जाये
थाम लो तुम हाथ हमारा, हम तेरी आँखों मे कहीं खो जाए
हम अपने हाथों का तुम्हे सहारा दे, तुम अपनी ज़ुल्फ़ों की छाव दे दो
सर रख लो तुम मेरे हाथों पर, हम तेरी ज़ुल्फ़ों तले सो जाएं
कर लो तुम भी खता-ए-मोहब्बत, हमे भी इन गलियों में बदनाम कर दो
मेरा दिन खुशियों से भर दो तुम, एक शाम मेरे नाम कर दो
बैठो किसी सुबह -ए- लखनऊ, और साथ मेरे अवध की शाम कर दो-
कभी, किसी रोज़, तुमसे,
कुछ ऐसी मुलाकात हो
रात - तारें - चाँद - वादियां और तुम
एक ख़्वाब है, ये सब मेरे साथ हो
उन वादियों में हम साथ बैठे, और,
इस चंद को अपना चाँद दिखाए
मेरा चाँद इस चाँद से ज़्यादा खूबसूरत है
इस चाँद को ये बात समझाए
मैं खो जाऊँ उन हसीन लम्हो में,
जब मेरे चाँद की इस चाँद से मुलाकात हो
रात - तारें - चाँद - वादियां और तुम
एक ख़्वाब है, ये सब मेरे साथ हो-
तुम मिली तो लगा ज़िंदगी मे खुशियां लौट आई, तेरे आने से हम फिर से हम हो गए
दिन रात सताते रहते थे जो हमको, तन्हाइयों के वो लम्हे भी खतम हो गए
तेरे आने से हम फिर से मुस्कुराने लगे, तुमने हमे फिर से संवारा है
तुम मिली तो लगा, मेरी कश्ती को भी, मिला लहरों का सहारा है
बेचैनियों से भर गया था ये जीवन, एक अरसे से परेशान था
कारण क्या है इस बेचैनी का, इससे हमेशा ही अनजान था
इन उंझानो के साथ ही हमने, एक लंबा सा अरसा गुज़रा है
लेकिन, तुमसे चंद मुलाकातों ने ही, हमारे हालात सुधारा है
तेरी बातों से हमे सुकून मिला, तेरे लफ्ज़ मेरे ज़ख्मो का मरहम हो गए
तुम मिली तो लगा ज़िंदगी मे खुशियां लौट आई, तेरे आने से हम फिर से हम हो गए-
तुमसे ये किसने कहा कि, मुझे तुमसे प्यार है
ये अफवाह जो सुना है तुमने, यकीन करो सब बेकार है
ये सच है तुमसे बात करने का दिल करता है
हाँ तेरे दीदार को हर पल ये आहें भरता है
जिसमे तुम साथ होती हो, वो लम्हा बहुत खास होता है
तेरे होने मात्र से ही, खुशियों का एहसास होता है
माना तेरा मिलना, मुझे लगता है खुदा की मेहरबानी है
लेकिन इसे कोई प्यार समझे, तो ये उसकी नादानी है
माना हर पल तुमसे मिलने को, ये दिल बेकरार है
लेकिन, तुमसे ये किसने कहा कि, मुझे तुमसे प्यार है
जिस दिन तुमसे बात नही होती, लगता है वो दिन ही बेकार है
लेकिन, तुमसे ये किसने कहा कि, मुझे तुमसे प्यार है-