प्रियांशु गुप्ता   (प्रियांशु गुप्ता "प्रियांस"✍)
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Joined 8 March 2019


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Joined 8 March 2019

समझ नहीं पा रहा हूं,
कि आखिर क्या गलत चल रहा है,
मैं, मेरा स्वभाव या मेरा समय।

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तुम्हारी प्रतिक्षा ही मेरी तपस्या है,
और तुमसे मिलना मोक्ष,
और जीते जी मोक्ष तो मिल नही सकता।

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नव वर्ष 2023 की हार्दिक शुभकामनाएं, आप और आपके समस्त परिवार को, भगवान राम नव वर्ष में, नव उमंग, स्नेह, प्यार, सुख, शांति, समृद्धि एवं खुशियां दे।
मैं भगवान राम से प्रार्थना करता हूँ, कि यह नववर्ष आप सभी की इच्छाएं पूर्ण हो। आपका स्वास्थ्य, आपकी सम्पन्नता और आपका वैभव नई पराकष्ठा प्राप्त करें।

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मेरा अस्तित्व तुमसे ही है,
मैं मोक्ष हु, और
तुम मेरी चारों धाम हो।

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मुश्किल वक्त में अक्सर लोग बदल जाते हैं,
साथ चलते चलते अपनी राह निकल जाते हैं।

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माखन चुराकर जिसने खाया,
बंसी बजाकर जिसने नचाया,
ख़ुशी मनाओ उसके जन्म दिन की,
जिसने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया।

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Maturity is when you love someone deeply,
But You don't pressurise them to love you back.

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तुम भी... मैं भी... इश्क़ भी...
सब ख़ामोश हो गए धिरे-धिरे...

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आपको पता है? मित्रता का अर्थ!
मित्रता का मतलब यह नहीं है, कि बस एक दिन विश कर दो और पूरे साल उसे पूछो तक नहीं असली मित्रता वो होता है, जो आपके हर दुख सुख में आपके साथ कदम से कदम मिला कर चले, आपके सारे तकलीफों में आपके साथ खड़ा हो और आपके दुखों का बोझ उठाए हो, आजकल कुछ ऐसे दोस्त हैं जो बस खाने पीने, फोटो खिंचवाने और मतलब निकालने में रहते हैं, वह दिखावटी दोस्ती करते हैं, बस मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं।
एक कर्वी सच्चाई है आजकल लोग फ्रेंडशिप डे पर बड़े-बड़े पोस्ट और फोटो डालते हैं अपने फ्रेंड्स के लिए, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कभी अपने फ्रेंड्स के घर जाकर उनके मां-बाप की तबीयत खराब या उनके तकलीफों में उनके साथ रहे हुए हो? कभी किसी दोस्त के घर दो वक्त की रोटी दिए हो? जिनके पास एक वक्त की रोटी भी ना हो खाने के लिए, कभी अपने दोस्त के साथ कंधे मिलाकर खड़े हुए हो? जब वह अकेला हो और प्रॉब्लमो से जूझ रहा हो?
अगर फ्रेंडशिप डे असलियत में निभानी है तो हर दिन फ्रेंडशिप डे बनाओ ना कि साल में किसी एक दिन दिखावटी फ्रेंडशिप डे बनाओ।

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आप कितने भी बड़े डॉक्टर,
इंजीनियर, खिलाड़ी,नेता या
अभिनेता क्यों ना हो, यदि
आपके चरित्र में अपने माता-पिता
के प्रति सम्मान, निष्ठा और प्रेम नहीं,
तो आप दो कौड़ी के इंसान भी
नहीं हैं।

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