आसमां पाने की ख्वाहिश हम जमीं से किया करतें हैँ....
कार लेने के बाद अक्सरहा हम पैदल जाया करतें हैँ.....-
प्रिया सिंह
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ना सोने की ताज़
ना महल की मुमताज
बस एक सच्चे दिल के साथ;
प्यारी सी मुस्कान 🤗
ना महल की मुमताज
बस एक सच्चे दिल के साथ;
प्यारी सी मुस्कान 🤗
Joined 3 August 2019
19 MAR 2023 AT 15:43
2 MAR 2023 AT 14:22
नज़रे यूँ टिकी हैं उनपे... जैसे आज के मिले लगतें नहीं हैं....
खामोशियाँ सब बांया करती है हमारी... वैसे हम कुछ कहते नहीं हैँ ❤️-
2 MAR 2023 AT 13:43
नज़रें कुछ यूँ ठहरी है उसपे.....
जैसे सपनों का जहाँ पा लिया हो उसमें 🧿-
19 FEB 2023 AT 9:47
"राजा बेटा" बनने के चक्कर मेँ इन्हे" हत्यारा प्रेमी" बनने से परहेज नहीं...
गद्दारी से तोड़े जा रहें हैँ रिश्ते, अब इसका कारण दहेज़ नहीं....-
13 FEB 2023 AT 17:58
क़यामत से अब डर नहीं
सच्चाई से खौफ आती है ;
मुस्कुराहट से अपनी पहचान बनाने वाली
आज खुशी को तरस जाती है-
8 FEB 2023 AT 22:52
खोये आपा अपने मन की
विपदा बन जाती हैं;
जैसे समुद्र लिए हिलोरे
मोती तट पर आती आती हैं....-
19 OCT 2022 AT 10:31
"आशियांना" के लिए पत्थर "मिल के पत्थर " से हो कर गुजरने के बाद ही मिलतें हैँ....🤘🏻
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9 AUG 2022 AT 20:37
ये ज़िन्दगी बहुत unpredictable है...
इसे predict करने की कोशिश ही सबसे बड़ी नाकामयाबी है.... 🙂-