priya vatsa   (Teri shizuka)
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Chlo ishq kre khud se
Joined 17 May 2020


Chlo ishq kre khud se
Joined 17 May 2020
7 FEB 2023 AT 20:30

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6 JUL 2020 AT 7:19

कइसे खेले जइबू सावन में कजरिया
बदरिया घिर आइल ननदी...

तू तो जात हउ अकेली
केहू संग न सहेली
छैला रोक लिहें तोहरी डगरिया
बदरिया घिर आइल ननदी...

भौजी बोलत बाड़ बोली
जियरा लागे जइसे गोली
कइसे रोक लिहें केहू
हमरी डगरिया बदरिया का बिगाड़ी
भौजी केतने दामुल फांसी चढ़िहें

केतने गोली खाके मरिहें केतने
पीसिहें जेल में चकरिया
बदरिया का बिगाड़ी भौजी...

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5 JUL 2020 AT 9:29

अब के जब मिलो, तो जरा वक्त लेकर आना...
कि हम चाहेंगे अब तुमसे, इत्मिनान से तराशे जाना....

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3 JUL 2020 AT 11:04

तुम अपने रंग में रंग लो
देखी मैंने बहुत दिनों तक दुनिया की रंगनी,
किंतु रही कोरी की कोरी
मेरी चादर झीनी,
तन के तार छूए बहुतों ने
मन का तार न भीगा,
तुम अपने रंग में रंग लो
अंबर ने ओढ़ी है तन पर चादर नीली-नीली,
हरित धरित्री के आंगन में धान है सजे हुए
सिंदूरी मंजरियों से है अंबा शीश सजाए,
रोलीमय संध्या ऊषा की चोली है।
तुम अपने रंग में रंग लो।

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1 JUL 2020 AT 13:58

क्या कहें ,क्या कहें,
इसलिए चुप हैं
जुबान बोलना चाहती है
मगर लफ्ज़ गुम हैं
पढ़ सको तो पढ़ लो
आंखो से दिल की बात
इसी आस में बैठे हैं हम आज ।

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1 JUL 2020 AT 13:46

जुलाई का माह बड़ा ही पावन माना जाता है
क्योंकि महादेव को हरसोउल्लास से पूजा जाता है।
किसानों को बरखा का भय विचलता है
प्रेमियों को मिलन का भूख ललचाता है
बादलों को भी खेलने का मौका मिल जाता है
पेड़ की पत्तियों पे जब ठंडी बूंदें टपकती है
वो भी झूम के खूब लहकतीं हैं
कलियां कैसे इतराने लगतीं हैं
खुशबू हर जगह बिखराने लगतीं हैं
जब जून की गर्मी हमें तड़पाने लगी
तब जुलाई की याद सताने लगती है
और हम सभी बड़े व्याकुलता से
इसका इंतजार करने लगते हैं
और कहते हैं कि
काश जुलाई जल्द आए
और हम सभी झूमे नाचे गाएं।।

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30 JUN 2020 AT 19:06

क्यों बंद मुट्ठी में सिलवटें बनती हैं
सलीके हैं इनके अपने ही
आज तक ना जान पाए खुद को
और चले जाने दुनिया को ही
कैसे नरम जुबान सब कुछ करवा कर देती है
तन जाते हैं लोग शस्त्रों के साथ
मुस्कुराहटे दिल जीत लेती है
नरम हो जाते हैं गर्म जज्बात
जीवन अंत जान जो जान ले
हम प्रारंभ खुद ही सुंदर हो जाएगा
छोटी सी बात है
समझो तो समझ में आए।

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30 JUN 2020 AT 18:23

Har bar esa, kyu hota hai
Shizuka aur Nobita ke beech
Koi Dekisugi aa jata hai

Kyu aa jata hai ???

Mai chahe kitni bhi kosis kr lu
Wo mujse do kadm aage hi rhta hai
Tere dil me bhale hi sannata ho
Lekin mere dil me abhi bhi shor h

Tu nobita hai kisi aur ka
Teri shizuka koi aur hai .

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30 JUN 2020 AT 13:14

कुछ यूं हाल है हमारी कहानी का
मै सरल हिंदी सा तु गणित के प्रमेय
मै सरोवर सा तु नदियों की धारा जैसे
मै रास्ता NH सा तू बनारस की गली जैसे
मै पास्ता सी तू मैगी सा उलझा हुआ
मै हनुमान चालीसा सा तुम शिवतांडव स्तोत्र सा
मै बर्फी सा तुम जलेबी सा उलझे हुए

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29 JUN 2020 AT 16:10

आदमी को आदमी खलने लगा,
हर क़दम वो तौलकर चलने लगा।
है कठिन ये कहना यहां
कौन अपना और कौन पराया,
साथ रहकर भी आप कोई अपना सा ना रहा।
कहां करता है यक़ीन अब कोई किसी पर,
अब कौन अच्छे और बुरे में पड़ने लगा।
बढ़ गया है फासला जो दरमियां अब,
अब दिलों में साफ वह दिखने लगा।
सभी रिश्ते अब बस दिखावटी रह गए,
आदमी राहे अब खुद गढ़ने लगा।
कौन मरता है एक दूजे के लिए अब,
अब डगर वह बदल के चलने लगा।
आ गया अब कैसा जमाना,
गैर सा अपना यहां दिखने लगा।

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