priya sharma  
79 Followers · 33 Following

Joined 4 April 2023


Joined 4 April 2023
29 APR AT 12:45

सच का साथ देने वालों को
अंगारों से गुजरना पड़ता है
जिसमें देखने वाले की सिसकियां
और रुदन सुनाई देती हैं
और अपने को घाव जला देता है
शायद ही इस दुनिया में कोई समझ पाता है
और झूठ सिर्फ दोनों हाथों से
हंस कर तालिया बजाता है

-


25 APR AT 9:22

गर पानी है छाया
सुकून ए भरी माया
उदर की भूख मिटाने
निर्दोष वायु के संचार को पाने
पेड़ जिन्दगी की शुरूआत
साथ देता है मरणोपरांत
पर पहले पेड़ लगाना पड़ता है
पर पहले पेड़ लगाना पड़ता हैं

-


8 APR AT 14:24

ये तो
दिल की है उपज
खुश रहने की
है समझ
बस ये तो आनंद है सहज
जो केवल सुखानुभूति की है तरज
जिसका आधार केवल मन
और जिसका प्रभाव केवल
खुशियों का धन


-


31 DEC 2024 AT 9:45

साल के अंत में
तहे दिल से माफी गर
मन कर्म वचन से
हुआ हो किसी को ठेस

-


31 DEC 2024 AT 9:27

हर साल
हर साल कुछ न कुछ अनुभव दे जाता है
कुछ खट्टी कुछ मीठी यादें दे जाता है
साल का ये अंत नहीं
तजुर्बों का खजाना है
आने वाले समय का गुरु बन
हर पल की अहमियत का पिटारा है

-


10 OCT 2024 AT 11:38

सलाम हैं ऐसे रतन को

रतन टाटा जैसे रतन
नसीब में होते है बहुत कम
जिसने इंसानियत, मेहनत और प्रगति का
लहराया परचम
पुनर्जन्म का रहेगा इंतजार
प्रार्थना नही जाएगी बेकार
ऐसे रतन को दुबारा आना होगा
भारत को उन्नति के शिखर तक पहुंचाना होगा
भारत को उन्नति के शिखर तक पहुंचाना होगा

-


1 AUG 2024 AT 17:01

जब मतलब था तो सबने नाम लिया
याद किया
पलकों मे बिठाया
प्यार के झूले में झुलाया
एक दिन मतलब खत्म
आंखे बंद
और प्यार का झूला टूट गया

-


29 MAY 2024 AT 9:41

कहां जा रही है जिंदगी
कभी लगता है
आगे बढ़ गई
कभी लगता है
थम सी गई
अलसाई सी जिंदगी
चली जा रही है
जो थी एक चाह
हो गई बिन राह
पर चलना है जारी
स्वर्णिम स्वपन के हकीकत की
कभी तो आएगी बारी
कभी तो आएगी बारी

-


22 MAR 2024 AT 9:41

पानी की सुनो कहानी
बहुत दूर सुदूर से चल कर आता
कभी आसमां से धरती पर
कण कण की प्यास बुझाता पानी
कितना श्रम परिश्रम करता
धरती से ऊपर हवाओं के सहारे
मेघ बन बरसता पानी ,पानी की सुनो कहानी
पर्वतों की गोद से,पहाड़ों को चीरता
पानी की सुनो कहानी
बेकार, लाचार हो रहा आज पानी
कदर ना जान रहा इंसान
लापरवाही कर रहा सब कुछ जान
मालिन कर रहा आज वो पानी
पानी की सुनो कहानी
कर लो आज वो प्रण
पानी की कहानी,कहानी ना हो
सर्वत्र हो ,निर्मल हो
सदा कण कण हो तृप्त
सदा जन जीवन हो तृप्त
सदा वन जीवन हो तृप्त
सदा विद्यमान हो अस्तित्व
सदा विद्यमान हो अस्तित्व

-


27 FEB 2024 AT 17:55

हो जाए
अगर उजागर
किसी को देते हैं
आत्मिक शांति और सुकून
किसी की जिंदगी में
लाते हैं तूफ़ान
तो किसी को करते हैं
हैरान और परेशान

-


Fetching priya sharma Quotes