हमेशा एक ही सवाल मन में होता है
आखिर मेरा क्या कसूर था,
क्या इस दुनिया में मेरा कोई अस्तित्व नहीं है,
क्या मेरे इस सवाल का कोई जवाब है?-
मन खाई लगता है जैसे
जीने के लिए समय ही न हो
बस खो जाऊँ समा जाऊँ इस
समुद्र से गहरे कमरे में,
किसी से कोई मुलाकात न हो
न किसी से मिलने की ख्वाहिश.... 🙂🙂🙂-
मुझे पसंद है बस अपने में रहना,
दूसरों के साथ होना अक्सर दुखी कर जाता है,
हर बार न जाने क्यों ऐसे तोड़ती है किस्मत
जैसे कि सदियों पुरानी दुश्मनी निकाल रही हो..-
तो पूछेंगे की
क्यूँ बदल गए हैं इतना,
क्यों पहले से सुलझे नहीं रहे
क्यों हर बात को
इतना सोचना पड़ता है,।-
कभी कभी लगता है कोई हो ऐसा जिसे कॉल करके अपना सारा हाल कह डालू,,
और वो कसके गले से लगा ले तो मैं भूल जाऊं
अपनी सारी तकलीफें-
सुनो
काश एक शाम ऐसी हो
बिल्कुल तेरे जैसी हो...
टिमटिमाते तारों की तरह
तेरी मुस्कान हो और...
बिना पलकें झपकाए बस
तुझे यूं ही एकटक..
देखती रहूं, और तू मुझे
देखे जैसे किसी को उसका
खोया खजाना मिला हो..✍️✍️✍️
🥰🥰-
सुनो
मैं 24 घंटे बात नहीं
कर सकती तुमसे
इसका मतलब ये तो नही
की मैं बात नहीं करना चाहती
और यूं तुम्हारा नाराज़ होना
बहुत तकलीफ़ देता है मुझे
पर फिर भी इस बात पर
सफाई देना नहीं चाहती क्यूंकि
जहां मान होता है वहां
किसी भी तरह से खुद को
प्रूफ करने की जरूरत नही पड़ती,,,,
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