मैं अपने ग़मों में भी उसकी तरबियत सोचती रही
मुर्शद मगर वो किसी महखाने में
ज़ाम को अपने नाम करता रहा
मैं कहती थी कि मैं उसी की हूं
मगर वो हमनाज़ कई ओर बनाता रहा
ना कदर कि उसने ना पूछा मेरा हाल
हम तो उन्हें सोचते रहे
और वो किसी ओर में गुम रहा।।-
My favourite writer in yq
Manoj dhadiwal jii sir
कृपया मेरे quote को कोई... read more
भूल भी जाएं बेशक
पर क्या करें
वो जो कभी खास थे
वो खास अब भुलाए नहीं जाते।।-
चलिए कुछ खामोशियों को पन्ने पे उतारते हैं
कुछ कहते हैं और कुछ समझते हैं
अहसास वो जो मध्यम मध्यम सी
कहीं खोई थी
उन्हें फिर आज पुकारते हैं
चलो एक नई कहानी लिखते हैं।।-
करने को यह दिल तरसता हैं
चाहकर भी अब यह चुप रहता हैं
यूं तो कई साय रहे राहों में
अब यह दिल खुद में ही गुम रहता हैं।।-
तड़प के देखो किसी की चाहत में ,
तो पता चले इंतजार क्या होता है
यूं ही मिल जाए अगर कोई बिना तड़पे ,
तो कैसे पता चले कि
प्यार क्या होता है ?"-
जो तुमने मुझे दिए
ख्वाब वो जो तुम्हारा बन जाए
यह चाहत यूंही चलती जाए।।-
सुकून ऐ वफ़ा तुझसे हो गयी
ऐ मेरे हम नवां यह चाहत
अब तुझसे हो गयी।
ना अब साया रहा मेरा
मेरे हर इश्क की इम्तेहान
अब तुझसे हो गई।
तु ख्वाब दिखा बेबाक सा
कुछ तुझमें गुम हो जाऊं मैं।
प्यार इस कदर हो तुझसे
की दूर रहूं और तुझमें मिल जाऊं मैं।।-
वो तेरी गर्म सांसे
पास हो और तेरी मुस्कुराहट भरी आंखें
ख्वाबों सा समुंद्र और तेरी कोमल बाहें
अहसास उस लब पे लिखे
जो तुझमें बसर हो
वो इश्क हमारा कुछ इस कदर हो।।-
कभी शांत हूं
कभी मौन हूं
कभी चुप हूं
कभी खामोश हूं
अंदर का शोर हूं
टूटी आस, टूटे ख्वाब
छूटे याद हूं
मैं जिंदगी का एक पन्ना हूं
कोई पढ़े मुझे
उम्मीदों से लिखे मुझे
मैं ढूंढती एक राह हूं
मैं तेरा मन हूं।।-
इन आंखों के झरोखे में तेरा नाम दर्ज हो
ढूंढे मेरी नज़र और तेरा अक्श साथ हो।-