ज़िंदगी के कुछ पलों में पूर्ण विराम।
देना भी जरूरी है ,
क्यों कि पूर्ण विराम ।
के बाद ही नए वाक्य की रचना होती है !
🙂-
I often take many risks always bcoz,
My intrest is to gain more experience......
ज़िंदगी के कुछ पलों में पूर्ण विराम।
देना भी जरूरी है ,
क्यों कि पूर्ण विराम ।
के बाद ही नए वाक्य की रचना होती है !
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इस मतलबी दुनिया मे , इंसान को जानता हूँ !
आदमी चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो,
उसकी नियत पहिचानता हूँ .......
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भूखे रहने ,
या व्रत रखने से
अगर मन्नतें पूरी होती साहिब,
तो रात में भूखे पेट सोने वाले बच्चे
सुबह रोटी की आस न करते .....
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मेरा मयार नही मिलता , मैं आवारा नही फिरता ,
मुझें सोच के खोना , मैं दुबारा नही मिलता !!!
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खास लोगों से भी मतलब अब आम रखती हूं ,
हर एक बात के लिए लफ़्ज़ों में विराम रखती हूं !!
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ज़िन्दा हूँ, अपनी कुछ ख्वाइशों के लिए ,
साथ तो ज़िन्दगी भी नही देती हमेशा !!
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