इंतेज़ार करता रहा वो मेरी आँखों के इशारों का
की अब मंजूरी दे भी दो
वरना हरकतों के बाद रुकने का नहीं कोई नाम
पहले हाथ थामना
फ़िर नजदीकियों में
चेहरे की हँसी पर निगाहों का रुकना
पास आकर होठों को देखना
होंठों को छूने से पहले ही
आंखों ने इजाज़त मांग ली थी
इजाज़त मिलने से पहले ही
उसकी आंखों ने समेट लिया था
किस्सों का ये सिलसिला
और
आँखों ही आँखों की टकरार
बहरहाल
वरना किस्से हो जाते हज़ार
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Zindagi mein bahut kuch paaya hai
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तेरी हिम्मत काफ़ी है
नूर न हो
तो परछाई भी भागती है
हिम्मत से नूर तुझमें
चल इसके साथ आगे का सफ़र जीते हैं
तू बस हां कर
आज डर को मात देते हैं-
ख़्वाब है मोहब्बत के लम्हों को हकीक़त में जीने की
अफ़सोस कि
तुम फिक्र भी नहीं करते
तो
मोहब्बत के चर्चों की उम्मीद नहीं-
तू परवा करता है मेरी
अच्छा लगता है
मेरी पसंद से खाना
मेरी पसंद से तेरा पहनावा
अच्छा लगता है
तू नाराज़ और मेरे बग़ैर रह नहीं सकता
तू चुप रहते हुए मेरी हिफाज़त अच्छे से करता है
तू मेरे क़रीब अच्छा लगता है
बस जताना नहीं आता तुझे
मग़र मोहब्बत बेशूमार करता है
तेरी हँसी मुझसे
रूठना भी मुझसे
एक दूसरे के बिना न रह पाना
अच्छा लगता है
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समझ आया अब
कि
कभी चुप रहना भी ज़रूरी है
खामोशी बहुत कुछ समझा देती है
बहुत कुछ सीखा देती है
मोहब्बत के खातर चुप रहना भी जरूरी है
वरना उसके बगैर जीना सीखा देती हैं
चाहे तुम किसी भी मुकाम पर क्यों न हो
उसके बीना ज़िंदगी
बेवजह जीना सीखा देती है-
शब्द नहीं
इस बनावट को बयान कैसे करू
तू खुदा की नेमत है
इसे इंकार कैसे करू-
बरबाद तो सब देखना चाहते हैं
कुछ दिन ही रह गए इस ज़िंदगी के
खूबसूरत तोफे का
कर्ज़ चुकाना है
हंसते हुए मरना है
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