Priya Rawat   (Priya✍️)
397 Followers · 15 Following

read more
Joined 21 June 2019


read more
Joined 21 June 2019
29 APR 2024 AT 19:46

जंगल की आग

सोचे -बिन सोचे ये क्या कर दिया
चलते -फिरते ये तुझसे कैसे हो गया
देखते- देखते तूने सब कुछ छीन लिया
कुछ बेजुबानों का आशियाना उजड़ गया
कुछ बेसहारों का जीवन निकल गया
मिला तुझे भी क्या, गलती तेरी भी नही
तेरी तो बस ये फितरत हैं, जो तूने बदली नही

-


31 AUG 2023 AT 5:32

आज भाई ताक रहे होंगे,कलाईयाॅ
बहने बटोर रही हूँगी,राखियाँ
सोच रही हूँगी,
कि कौन सी किस को पहनाऊ
कि भाईयों से अपनी ज़िद कैसे मनवाऊ
राखी के बदले, खुशियां और आशीर्वाद ही चाहिए
लेकिन आजकल खुशियां रुपयो के रास्ते ही आती है
और आशीर्वाद वो तो online ज़माने मे GPay से ही मिलता है
ये डोर तो सिर्फ़ बहाना हैं, हमे तो केवल gift ही लेना है
बहुत कुछ सोच लिया अब सच्चाई तुम्हें बताते हैं
ये डोर, ना किसी को बाँधने की है
ना टूटे हुए को जोड़ने की है
ये डोर,दो लोगों और एक रिश्ते के बीच कवच सा हैं!!

-


18 AUG 2023 AT 20:01

मैंने कुछ ख़्वाब सजाए है
अपने दिल के बंद तहखाने मे छुपाए है
उगते सूरज की पहली किरणों से
उन तक उम्मीद की किरणें भेजती हूँ
शाम तक थके-हारे , कुछ प्यारी बातों से
कुछ मिली सीखो से, आ रही समस्याओं से
उन तक सब्र का पैग़ाम भेजती हूँ!!

-


26 MAY 2023 AT 18:59

अब वो लोग कहाँ...
जो गांव के बस्ती के हस्ती हुआ करते थे
कम आमदनी मे भी, वो खुशियां, सुकून सब खरीद लिया करते थे
रोटी चाहे वो दो वक्त की खाया करते थे
अपने रिश्तों को वो ताउम्र बड़ी खूबसूरती से निभाया करते थे
शाम को किसी बाखली के आंगन में बैठ हज़ारों किस्से - कहानियाँ सुनाया करते थे
कि कौन शेर से लड़ाई कर के आया, कि किसने अँधेरी रातों मे मोमबत्ती में पढ़ाई की..
नहीं पता उन बातों मे सच्चाई कितनी थी, लेकिन आगे वाली पीढ़ी से उम्मीदें बहुत थी.
पढ़े-लिखे थोड़ा कम थे वो, तभी हिसाब थोड़ा कच्चा ही रखते थे
हजार गलतियों को भी भूल जाया करते थे वो..
छोटी-छोटी नोकझोंक को याद ही नहीं रखते थे वो..
अच्छा-बुरा, तेरा-मेरा ये मोल कर ही नहीं पाते थे वो....पढें-लिखे थोड़ा कम थे वो!

-


13 APR 2023 AT 19:23

शब्दों मे बसी खूबसूरती को, पहचाने कौन?
शांत मन मे चल रही उथल- पुथल को, लफ्जों मे लाए कौन?
कलम उठा के पन्नों पर, ख़्वाब बिछाए कौन?
महीनों, सालों से पड़ी किताबों से, धूल हटाए कौन?
पन्ने पलटते ही फटे हाल देखे जिन किताबों के
उस किताबों को पढ़ने खरीदार आए कौन?

-


12 APR 2023 AT 19:23

देर हो गयी, तुम्हारे आने मे
बहुत इंतजार था तुम्हारा, किसी ज़माने मे
ना तुम समझे, ना घर वाले माने
बहुत व्यस्त थे तुम दोनों
तुम मुझे भुलाने मे, वो किसी और की दुल्हन बनाने मे
बहुत लहेंगे मुझे दिखाए जा रहे थे, उसमें मेरी पसंद भी मुझ से पूछे जा रहे थे
बहुत बोला मैंने, दुल्हा भी मेरी पसंद का ला दो ना
देर हो गयी, तुम्हारे आने मे
बहुत इंतजार था तुम्हारा, किसी ज़माने मे!!

-


6 APR 2023 AT 18:17

क्या ज़माने लगेंगे?
अगर हम जो थोड़ा दूर हुए,
तो शायद कोई और लुभाने लगेंगे!

-


28 JUN 2022 AT 0:04

मैं भूली नहीं हूँ मुझे याद है, कि जन्मदिन तुम्हारा आज है!
तुम्हें देने के लिए मेरे पास, बस मेरा साथ है
जो तुम्हें पसंद आए तो, ये हर वक्त तुम्हारा है
मैं कहीं गुम हूँ, तुम्हारे ख्यालों मे
मैं कहीं खो सी गयी हूँ तुम्हारे अल्फाजों में
वो तुम्हारी लिखावट में ख़ुद को ढूढ़ना
तुम्हारी आदतों मे ख़ुद की झलक सी मिल जाना!
ग़ुस्सा चाहे जितना भी हो, तुम्हारी smile पर मेरा यूँ झट से पिघल जाना!
इतनी दूरियों के बाद भी दिल के इतने करीब होना!
हाँ ये जो तुम्हारे होंठों पे हँसी है,
ओ मेरी जाँ ये लड़की इसी पे फँसी है!
ये दिन, ये आने वाला साल मेरे साथ तुम्हारी जिंदगी मे ढेरों खुशियां ले के आए!

-


16 JUN 2022 AT 17:48

बिछड़ते वक्त, उसने दीदार दिया मुझको
जाते वक्त, दुबारा मिलेंगे ये वादा दिया मुझको
मैंने वक्त माँगा उससे, दिन इतवार दिया मुझको
यूँ तो कई इतवार निकल गए, उसने सिर्फ इन्तेजार दिया मुझको!

-


15 JUN 2022 AT 22:15

You trust the most...

-


Fetching Priya Rawat Quotes