Priya Priyal  
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Joined 7 June 2020


Joined 7 June 2020
4 JUL 2021 AT 17:01

तुम क्या जानो बारिश में चाय की चुस्की का मजा
एक तो गरम चाय ऊपर से इंतजार तुम्हारा......।।

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15 JUN 2021 AT 19:06

तेरी मोहब्बत के तलबगार है हम
दिल में तेरे नाम की हलचल है बस
बेतहाशा कुछ तब्दीली सी हो गई....
की तेरी यादों के साए में जी रहे है हम।।

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29 MAY 2021 AT 16:05

दिल चाहता है कि हम भी बात ना करें
पर किसी को यूं तड़पाना अच्छी बात नहीं
माना कि दोस्त याद नहीं करते पर..........
यारों से बगावत करना मेरी औकात नहीं।।

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3 MAY 2021 AT 17:28

परिभाषा से परे है मां
नज़रों से दूर होने पे
आंखे तुझे ही टटोलती है
सुबह की डांट में भी
अपना प्यार जताती है
खुद बीमार होने पर भी
मेरे लिए खाना बनाती है
कुछ इस तरह वो ठीक
होने का बहाना बताती है
हर मुश्किल, हर तन्हाई में
मेरा हांथ थामती है...........
अगर आंसू दिखे तो अपने
आंचल से पोछ लेती है
जरा सी छींक आने पर भी
मेरी वो नजर भी उतरती है
मेरी खुशी के लिए
खुदा से भी लड़ जाती है......
मेरी हकलाती जुबां को शब्द देती है
मां हर गिरते शब्दों को पिरो लेती है
कैसे बयां करू मैं मां की ममता
जो संसार में सबसे अनमोल है
जो खुद से ज्यादा मुझको
प्यार करती है......................
वो मेरी मां है जो मुझे
इतना प्यार करती है..................।।

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28 APR 2021 AT 16:34

गुमनाम सा है सारा शहर
महामारी के झोंके का है कहर
हर किसी के मन मे डर बैठा है इस कदर
सब जल्दी अच्छा होगा दुआएं करूँ मै हर पहर।।

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5 APR 2021 AT 19:25

चेहरे की हसी गुम सी हो रही
लग रहा इसकी चोरी सी हो रही

दोस्तों के कारण यह ठहरी हुई थी
पर अब उनसे भी बग़ावत सी हो रही

करते थे जो हर अनबन में बात
उनको भी अब शिकायत सी हो रही

रचाते थे जो हम मिलकर महफ़िल
अब उस महफ़िल में गिरावट सी हो रही

पहले जो थे, अब वो ना रहे ...................
लग रहा अब दोस्ती में भी मिलावट सी हो रही ||

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29 MAR 2021 AT 9:56

सुन्दरता बढ़ती जा रही रंगो की भी
सारी लाज छोड़ के जो तेरे गालों से
खटपट की है.........................
मेरे रसिया संग जो रास रचाया है
उसी का का अमोद इसके अन्दर छाया है

सुन्दरता बढ़ती जा रही रंगो की भी
रंगो का गुरुर नाजायज तो नही
रंग लगाने के लिए किसी हुक्म की
जरूरत तो नही......................

सुन्दरता बढ़ती जा रही रंगो की भी
छोड़कर सारे क्लेश होली मनाओ तो सही
मिलकर साथ इसे अनमोल बनाओ तो सही
एक-दूसरे को रंगो मे रंगो तो सही...........||

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28 MAR 2021 AT 11:38

कुछ गुल खिलेंगे कुछ गुलाल उड़ेंगे
कभी इन होली के रंगों संग हम यार मिलेंगे||

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20 MAR 2021 AT 9:43

खुद के लिए कुछ पल निकालना चाहिए
खुद से खुद की स्पर्धा करनी चाहिए
सुबह की लालिमा मन में उतारना चाहिए
सूरज की किरणों संग कुछ मनमानी करनी चाहिए
चांदनी रात की मनोरम का प्रमोद उठाना चाहिए
बैठकर किसी सरोवर पर लहरों की आवाज सुननी चाहिए
कभी पेड़ों की छांव में चिड़ियों संग गीत गुनगुनाने चाहिए
कभी हवा की तरह घुमक्कड़ बनना चाहिए
कभी अपनी कसक प्रकृति को बतानी चाहिए
कभी प्रकृति की पीड़ा जाननी चाहिए
कुछ पल तन्हाई में बिताने चाहिए
खुद के लिए कुछ पल निकालना चाहिए||

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12 MAR 2021 AT 15:31

बेवजह तुम्हें कॉल किए ..........................
रत्तीभर तो सुकून मिला तुम्हारा हाल जानकर
पर दिलचस्पी बढ़ गयी मिलने की बात सुनकर ||

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