आँखें अक्सर भर जाती हैं,
भूली बिसरी यादों से ।
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मुझे लिखने नहीं आता मगर मैं शौक रखती हूँ,
जो मेरे मन में होता है उसे बेखौफ़ रख... read more
बगल के मकान में नया किराएदार आया है ,
सुना है !
मेरा बिछड़ा हुआ कोई यार आया है ।-
तुम महंगे होटल वाली काॅफी की शौकीन प्रिये,
मैं टपरी वाले कुल्हड़ की चाय का दीवाना हूँ ।-
प्रेम में यदि शिव बनों तुम ?
मैं शक्ती बनने को तत्पर हूँ ।-
वो आदी है वो अंत भी ,
वो निराकार भगवंत भी ।
कर्ता है वह कारक भी ,
निर्णय वह निर्णायक भी ।
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सदियों से मुहब्बत का सिर्फ यही रिवाज़ होता है ,
नसीब में जो नहीं ,उन्हीं के लिए एहसास होता है ।-
हमारी मुहब्बत चाय बिस्कुट सी थी ,
जितना तुम्हारे अंदर डूबे टूटते गए ।-
दिल में तुम्हारे मैं आता रहूँगा ,
कभी आँसु बन कर ,
कभी मुस्कान बन कर ,
निगाहों को तेरी सताता रहूँगा ।-
रेत की तरह ज़िन्दगी हाँथों से फिसल रही है ,
कतरा कतरा करके ये उम्र भी निकल रही है ।
आ रहा है अपने बेजान बुढ़ापे का अँधेरा ,
यूँ रह रह कर जवानी की सुबह पिघल रही है ।-