ये रुखा सा मिजाज तुम पर जचता नही है,
चलो एक और बार फिरसे हस कर दिखा दो।
ये नाराजगी का दामन पल भर मे उड जाएगा,
चलो फिर शर्मा कर ये हसीन निगाहे उठालो।
-
के मिट कर भी याद रेह जाए
कुच शब्दों के तीर तो
कुच मलहम बन जाए...
तू खुदा का वो कर्ज है जिसे
ज़िन्दगी भर उतार ना पाऊँगी।
तू ख़ुशी क्या जान मांग लेना,
तेरे सजदे मे सो बार मिट जाउंगी!-
वो पल काटो से चुभते है आँखों मे
वह साथ गुजरे लम्हे अब शिकायते करते है
तुम यु बदल से गए हो
यकीन नहीं होता है
यादें तुम्हारी मेरी अब कड़वी सी लगती है
तुम चल दिए हवा का हाथ थामे जैसे
एक पल मे बिखेर कर मेरे सारे सपने
तुम अपनी ही अकड़ मे अपना हाल भूल चुके हो
मेरी तन्हा विरासतों पर हसना पसंद करते हो
कुछ वक्त ही रहेगा ये हसीं का ठठोला
मेरी बातें जल्द ही तुम्हे रुलाने लगेगी
वह पल आज मुझे जो काटो से चुभते है
उन्ही पालो मे अपनी तुम ज़िन्दगी खोजोगे
जो साथ गुजरे लम्हे मे भूल जाना चाहती हु
उसे याद करके तुम हर दम जिओगे
तुम जो बदल गए हो अब यकीन हो चला है
तुम जल्द की इन नग्मों मे सुकून ढूँढा करोगे
पर वक्त का सितम हमपर ऐसा केहर ढायेगा
मे सब भुला दूंगी तुम माजी मे उलझें रहोगे
मे जीने लगूंगी फिरसे तुम जीना भूल से जाओगे
हसने लगूंगी फिरसे तुम टूट टूट जाओगे
-
जब आँखे पढ़ना सीखा हमने,
तुम बातें करना सिख गयी।
हम जब तक हाथ थाम पाते तुम्हारा,
तुम तब तक उड़ना सिख गयी।-
ना शोर है ना ख़ामोशी,
ये दिल जल रहा है बस ।
ना मोड़ है ना मुकाम,
काफिला चल रहा है बस ।-
हा संसार मोडून निघाले
ही बंधने तोडून निघाले
स्वप्नांचे गाठोडे बांधून निघाले
मी उंबरठा ओलांडून निघाले
-
एक उम्र गुजारनी हैं तेरे सिवा,
और एक ये लम्हा हैं जो गुजर नहीं रहा ।-
मेरा खुदा किसी धर्म मे नहीं बस्ता।
रंग, इबादत, कर्म या पेहराव,
ये उसकी पेहचान नहीं।
बेशक़ इन सब से बोहोत आगे हैं वो।
मेरे दिल मे बस्ता हैं,
किसी पाबंदियों का वो मोहताज नहीं।
-