देखा है तुम्हें तस्वीर में हंसते हुए,
जैसे खंडहरों में देखा हो शहर को बसते हुए।-
अब जब हम किसी को सुनाते हैं अपनी कहानी तो लोग कहते हैं,
तुमने क्यों की मोहब्बत? तुम तो समझदार थी।-
कुछ हादसे हमें सोचने पे मजबूर कर देते हैं कि जिस जिंदगी को हम हमेशा कल के लिए छोड़ देते हैं, वो कल अचानक आ जाता है आज बन एक निश्चित उपहार ले के जिसे हम नहीं कह सकते आज नहीं कल।
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मैं जानती हूं कि तुम मुझे जिन्दगी का हर सुख दे सकते हो,
लेकिन क्या तुम कभी समझ पाओगे की मेरा सुख किस बात में छुपा है।
मैं जानती हूं तुम कभी मेरे पैरों को ज़मीं पे पड़ने नहीं दोगे, लेकिन क्या तुम कुछ दूर मेरे साथ कभी चला करोगे।
मैं जानती हूं मैं जो भी मागूंगी तुमसे सब मिलेगा मुझे,
लेकिन क्या तुम बिना बोले कभी समझ पाओगे।
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कभी तुम्हें मांगा नहीं मैने किसी भी दुआ में, ना कभी चाहा था की तुम्हारे जैसा कोई मिले।
लेकिन अब जो तुम मिले हो तो लगता है तुमसे बेहतर कोई मिल नहीं सकता था मुझे। तुम्हे सोच भी लूं तो चेहरे पे जो आती है वो हल्की सी मुस्कान हो तुम।-
कुछ इस तरह तुम्हारे मोहब्बत में बंधते जा रही हूं,
जैसे तुम हमसफ़र हो कई जन्मों से।-
उसकी आंखों की सादगी से मैंने चांद को पिघलते देखा है।
उसके चेहरे की चमक से मैंने रात को दिन में बदलते देखा है।-
अब वो फ़ुरसत के पल और नहीं आते
जिस ओर निकली है जिंदगी कोई छोर नहीं आती,
पहले मिला करते थे हम और सुकून, घंटों बैठा करते थे चाय के साथ, देर तक निहारा करते थे आसमान को जैसे समय को रोका हो कुछ देर के लिए।
अब तो जिंदगी बस भाग रही है।
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