Apne aap ko Ajmana hai
Mujhe kuch to Karna hai
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Your welcome in my writing world.
Well myself Priya .
And it is my first ste... read more
इस सफर ने भी ले लिया है हमसे थोड़ा सा विराम, चलो अब करते हैं अपने लिए थोड़ा सा आराम,
देखते हैं क्या बचे हमारे हैं काम,
मिलेंगे फिर से जल्द ही याद रखना हमारा नाम।।-
हाले जवां जो पुछा करते थे
वो जाने कहाँ २वां हो गए
जो फैलाते थे उजाला हमारे आंगन में
वो किसी ओर की शमा हो गए | I-
ऐ ज़िन्दगी तुझ से,
जब खुद तु ही सवाल बन चुकी है।।
क्यों न पुछूं पता तुझ से,
जब खुद तु ही लापता हो चुकी है।।-
रहने दे
दिल कहता है बयां कर दूं सब,
पर सोच कर डर लगता है मेरे पास रहेगा क्या तब ।।
मन करता है कह दूं तुम्हें याद बहुत किया ,
पर फिर चुप हो जाती हूं कहीं फिर से यादों के बवंडर न घेर ले,
दिल में दिनों के बाद आया सकून न छीन ले।।
अब सोचना क्या है सोचा हुआ होता तो नही,
होना तो वो ही है जो भगवान की नजरों में है सही।।
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ऐसा होता तो कैसा होता
जो विचार दिल में किसी के लिए होते,
वो बिना बोले ही उस तक सांझे होते ll
जो बातें हम कभी न समझा थे पाते,
वो बिन समझाए ही समझ जाते ।।
जिन रातों में हम रोया करते थे ,
वो दौड़ कर आ जाते ।।
ऐसा होता तो कैसा होता ,
सायद वो आज भी मेरा होता।।
उसका मेरा नाता आज भी होता ,
ऐसा होता तो कैसा होता।।-
न तु मिला उस रास्ते पर न जिंदगी।।
जो शब्द थे जूबा पर वो जूबा पर ही रह गए,
तुम्हें देखा था मैंने पिछले मोड़ पर तुम उसी मोड़ पर रह गए।।
क्या करें न तु मिला न वो जिंदगी,
धरी की धरी ही रह गई वो बंदगी।।-
आज हम अपने देश का झंडा लहराएंगे ,
कल वही झंडो को हम सड़कों पर बिखरा पाएंगे ।।आज हम भारत माता की जय यह नारा देकर इसके गुण गाएंगे ,
कोई पूछे कि कैसा है भारत हम उसके आगे हर अवगुण को बताएंगे ।।
जिन नौजवानों ने तोड़ी कभी गुलामी की बेड़ियां थीं,
उन्होंने ही आज गुलामी को दी सहमति है ।।
जहां कभी विचारों की बहती थी निर्मल गंगा ,
अब वहां बहती वर्षा की गंदी धारा है।।
चलो आज नई सोच को दे बुलंदी ,
हिंदू ,मुस्लिम ,सिख ,इसाई सारे करें यह संधि।।
जय हिन्द ,जय भारत माता।।।-
जिंदगी का गीत हम गाते रहेंगे,
जिंदगी की इस मग्न चाल में चलते रहेंगे।।
अपने कर्मों का चिन्तन और उनमें विचरण करते रहेंगे,
सोचना क्या है अपने कर्म को पूरे धर्म से करते जाएंगे।।
जिंदगी जीने के मायनों में प्रगति को को लाएंगे,
अधूरे सपनों को भी पूर्ति में लाएंगे।।-
क्यों न इन्हें समेट लूं,
गलती अगर मेरी हो तो माफ़ी भी मांग लूं,
बात अगर सुनने लायक हो तो हस्ते हस्ते सब बातों को सुन लूं,
मन करता है अब अपनी दिल की बात को मान लूं,
अपने सपनों को पहचान कर उन्हें जीने की कोशिश कर लूं।।-