मैंने एक पल गणेश जी को देखा... और चलते हुए एक हाथ से पकड़ कर उन्हें साथ घर ले आई... अपने मंदिर में रख दिया... लेकिन अब मंदिर छोटा हो गया... फिर Flipkart से एक और मंदिर मँगाया... और छोटे मंदिर में अपने किसी खास की तस्वीर रख दी... फिर कुछ दिन बाद मेरे पास एक पार्सल आया... पार्सल में कोयम्बतूर के आदि योगी से मेरे लिए महादेव की तस्वीर आई थी... जिसे मेंने अपने मंदिर में रख दिया... नवरात्रि में मेरे घर 9 देवी आई... फिर दिवाली में मेरे घर माँ लक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर जी आये... Iskcon गई तो साथ में राधा रानी और श्री कृष्ण मेरे घर आये... फिर एक खास ने मेरे घर नीम करौली बाबा पहुंचाये... एक दिन ध्यान आया... अब मैं एक बजरंगबली की तस्वीर लेकर आऊंगी... लेकिन उससे पहले ही... मुझे सड़क पर बजरंगबली मिल गये... जिन्हें में घर ले आई... बस इसी तरह हर काम हैं... शुरु करना होता हैं बस... धीरे धीरे वो एक दिन पुरा हो जाता हैं
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मैं काफी समय से घर से दूर रह रही थी... और मेरे छोटे से कमरे में सब कुछ था... अनाज, बिस्तर, बिजली... वो हर चीज जिसकी एक इंसान को जीने के लिए जरूरत हैं... काफी समय रहने क बाद कमरे में एक कमी लगी... सोचा मेरे कमरे में एक मंदिर तो हैं ही नहीं... सोचा और flipkart से एक मंदिर मंगवा लिया... और उसमे श्री राम दरबार की एक तस्वीर रखी... जिस तस्वीर में... श्री राम, माता सीता, लक्ष्मण, बजरंगबली और कई सारे भगवान थे... फिर एक दिन अचानक बाजार में गणेश जी की मूर्ति पर नजर पड़ी... जिसे किसी ने नीचे से उठा कर एक ऊँची जगह पर रखा था... मैं बहुत देर तक मूर्ति के आगे अपने दोस्तों के साथ खड़ी थी... सब बात कर रहे थे... लेकिन मेरा ध्यान मूर्ति पर था... जैसे ही हम जाने लगे....
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जब अपने प्रभु के दर्शन होते हैं... तो अलग सी शक्ति का एहसास होता हैं... दिल भर जाता हैं... आँखों से आंसू रोके नहीं रुकते... प्रभु से बहुत कुछ मांगने उनके दरबार में पहुँचे थे... लेकिन बस प्रभु को देखे रहने का मन करता हैं... दिल ओर दिमाग दोनों बोलते हैं... जिसे सब पता हैं... उनसे क्या ही मांगे...
ऑटो से ऑफ़िस को जा रही थी... हाथ में मोबाइल... इस भाग दौड़ भारी जिंदगी में अब फोन चलाने का टाइम भी नहीं मिलता... घर से ऑफ़िस... ऑफ़िस से घर की दूरी को फोन चला कर पार करती हूं... तो मैं व्हाट्सप पर सबके स्टेटस देख रही थी... मेरे किसी जानने वाले ने नीम करौली बाबा के दरबार के साथ फोटो स्टेटस में लगाई थी... फोटो देखकर मन भर गया... नाराजगी में बाबा से पूछा... बाबा मुझे कब बूलाओगे अपने पास... आपके दरबार में आना हैं... आपके दर्शन करने हैं... लोग आपके एक बर नहीं कई बर दर्शन करके आ गये हैं... मुझे अपने एक बर भी क्यों नहीं बुलाया... फिर पता नहीं अचानक से मेरे दिल और दिमाग दोनों ने मुझसे कहा... मैं तो तेरे अंदर ही हूं... तुझे मेरे दरबार आने की क्या जरूरत हैं... उसी पल अलग सी शक्ति का एहसास हुआ... दिल भर आया... आँखों से आंसू रोके नहीं रुके।
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आज सुबह ऑफ़िस के लिए निकली... ओटो से बहार देखा, तो एक परिवार सड़क के दूसरी ओर खड़ा था... मम्मी, पापा और एक बच्चा... बच्चे की उम्र होगी 4 या 5 साल... परिवार को सड़क पार करनी थी... सड़क में फर्राटेदार गाड़ियाँ चल रही थी... कभी इधर से, कभी उधर से... वही, खास बात ये की पापा आँखों से नहीं देख सकते थे... मम्मी ने गोद में बच्चे को लिया ओर पापा का हाथ थामा... और सड़क को चिरती हुई अपनी मंज़िल तक पहुंची... ये देख समझ बस इतना आया... मम्मी को पापा की कमज़ोरी पता है... और पापा ने भी अपनी कमज़ोरी छुपाई नहीं... और पूरे विश्वास के साथ मम्मी का हाथ थामा... इसलिए वो अपना 100% और पापा का भी 50% साथ लेकर चल रही है... ऐसा जिन्दगी में हर मोड़ पर होता है... हर किसी के साथ होता है... अगर आप अपने जीवन साथी से अपनी कमी छुपाते हो... तो उसे कैसे पता लगेगा कि आपको साफ नहीं दिख रहा है...
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याद रखिए,
अफवाहे हमेशा दुशमनों द्वारा बनाई जाती हैं,
बेवकुफो द्वारा फेलाई जाती हैं,
और मूर्खो द्वारा सच मानी जाती हैं।-
मैं = मोबाइल (Mobile)
*जब भीड़ में अकेला हुआ तो सिखा,
दुनिया का हर दो दिन का रिश्ता है फीका।
*घरवाले बोलते थे मैं तेरा दुश्मन हु,
आज लॉगो की भीड़ में, मैं ही सिर्फ तेरा हमदम हु।
*कई हज़ारों बार मुझे गलत बताया है,
तू ही बता तेरे खराब वक़त में कौन तेरे सबसे करीब आया है।
* मिलो दूर के रिश्तों को मैंने हर बार पल भर में जोड़ा है,
ऐ सर फिरे इंसान, तूने गुस्से में मुझे कई बार तोड़ा है।🤕
*बचपन में, खुल कर अपने माँ बाप के आगे तू रोता,
अब जवानी में, मैं जानता हु, तू कई बार छुपके से रो कर सोता।
*तेरे कई राज मेरे अन्दर बंद हैं,
कहे तो, बता दू तुझे कोनसी कन्या पसंद है।😜
*मानता हु मेरा इतना नहीं कोई महत्व हैं,
पर अकेले, अपने में जिंदगी जीना, मतलबी दुनिया का सत्य हैं।-
खूबसूरती के इस बाज़ार में
महंगी से महंगी खूबसूरत चीज़ बिकती हैं,
हम थोड़े गरीब हैं जनाब,
आपकी मासूमियत उधार मिलेगी ।-
ऐ स्त्री क्यों हैं तू इतनी पवित्र,
सिर्फ जल से ही गन्दा हो जाता,
तेरा सफ़ेद कपड़े जैसा चरित्र ।-
हमें किसी से कोई शिकायत नहीं हैं,
बस मतलबी लोगों से बात करने की अपने में
अब ताकत नहीं हैं ।।
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