नज़र भर देखा करूं तुमको,
नज़र उतारा करूं हर दिन,
ज़रूरत, आदत, दुलार हो तुम ,
कैसे गुज़ारा करूं तुम बिन।
हर पहर सोचा करूं तुमको,
तुम्हें याद किया करूं हर दिन,
मोहब्बत, चाहत, परिवार हो तुम,
कैसे मुस्कुराया करूं तुम बिन।
ग़ज़ल सुनाया करूं तुमको,
तुम्हें पास बिठाया करूं हर दिन,
एहसास, अल्फाज़, श्रृंगार हो तुम,
कैसे कविता करूं तुम बिन।
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