मोहब्बत का वादा नही माँगा था..
तुझसे तेरा आसमान नहीं माँगा था.…
सिर्फ़ एहसास करा देते कि करते हो मोहब्बत
इतनी ही तो गुजारिश थी मेरी तुमसे ।
तुम शायद दिल नहीं पत्थर रखते हो सीने में
जो कहते हो लोगो से , हम जुदा इसलिए हुए
कि मैंने तुमसे बहुत कुछ माँगा था .....-
तुझको भूलकर जायूँ मैं अब कहाँ ....
"No one else truly matters.
Focus on just one person — yourself.
Self-love is the most essential
key to happiness and success in life."-
तुमको मिलेगा क्या मेरे घर में
जो तुम्हारे काम आए ,
कही कुछ बिखरे हुए सामान में
शायद सिमटी सी मैं नज़र आऊं....-
दीदार के बिना ही
करते रहे बातें
तुम अपनी सी.....
कही दीदार के बाद
कोई दीवार तेरे मेरे
दरमिया ना हो जाएं-
उसकी किसी बात का भरोसा कैसे कर लूँ
मैंने अभी उसको पहचाना कहाँ है...
पहचान भी जायूँ गर मैं उसको तो
क्या है यकी इस बात का
उसने मुझे जाना कहाँ है....
मुझे दे रहा है खाली बातों क़ी लड़िया
अभी किसी सौगात में प्यार भेजा कहाँ है...
रफ़्ता रफ़्ता होने दो मुलाक़ाते कई
अभी इतनी जल्दी भी किसी मंजिल तक
मुझे जाना ही कहाँ है...-
मैंने सिर्फ़ मोहब्बत ही की थी
इसके सिवा कुछ मुझे आता नहीं
दुनिया कहती है तुम आतंकी हो
तुम्हें बेवफाई का सबब आता नहीं.....
मैंने सिर्फ़ तुझको ही चाहा
इस बात का भी गिला नहीं
तुम मिले भी नहीं और दुनिया कहती
जुदा कर दो मुझको तुमसे
इससे बड़ी सजा मेरे लिए बनाई ही नहीं.....-
खता सिर्फ़ इतनी सी थी
जो बात दिल में थी
ज्यों कि त्यों
होठों पर आ गई....
कदर कोई करता भी कैसे
शब्द सरल थे ,
अंदाज़ मस्ताना
तो बस गंभीर नहीं हुआ कोई ।
ऐसा लगा कोई लतीफा था
जो चुपचाप सुना गई ......-
लोग झूठ कहते है,
और झूठे है हम ।
जो कहते है कि
मान लिया सच तुम्हारा ,
जानते हुए भी कि
लोग झूठ कहते है ।-