Priya Arya   (प्रिया दीवानी)
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इश्क़ की दीवानगी हैं मेरी रूह का सुकूँ...
तुझको भूलकर जायूँ मैं अब कहाँ ....
Joined 12 August 2017


इश्क़ की दीवानगी हैं मेरी रूह का सुकूँ...
तुझको भूलकर जायूँ मैं अब कहाँ ....
Joined 12 August 2017
26 FEB AT 2:16

पुरुष डरता है किसी भी तरह के
commitment से ...
पुरुष चाहता है आजादी
और वर्चस्व भी पूरा का पूरा....
इतना कमजोर है अंदर से
कि बस दिखाता है पौरुष बाहर से
स्त्री का साहस दिखावे का साहस नहीं
स्त्री करती है समर्पण पूरी तरह
इतना साहस पुरुष ला ही नहीं सकता
इसलिए पुरुष के साहस को जरूरत होती है
दिखावे की , युद्ध की , विजय घोषणा की
पर स्त्री साहसी होकर भी रहती है
बिचारी ताउम्र पुरुष के सामने.....
क्योंकी समर्पण को बना दिया कमजोरी
पुरुष ने समाज मे सबके सामने
और बचा लिया अपने को कमजोर कहलाने से .....
गर है साहस तुममें तो बतायो करके समर्पण
एक स्त्री की ही भांति बिना पौरुष बताए...

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26 FEB AT 1:30

स्त्री होने का कर्त्तव्य निभाने की चाह में
बन जाती है वो बेटी
फिर पत्नी, बहु और माँ
और भूल जाती है इस सब में
खुद का भी थोड़ा सा होना.....
सिखाया जाता है उसको चुप होना
सबकुछ सहना और कुछ न कहना
और जब कभी करके सारे किरदार पूरे
जीने लगती है खुद के लिए थोड़ा सा
तो बताया जाता उसको उसके हद का दायरा
फिर से सही गलत का पाठ पढ़ाया जाएगा
बताने वाला सोचेगा भी नहीं पल भर
कि हों सकता है भर गया हो
उसके सहन करने का प्याला..
इसलिए जब कभी कोइ स्त्री कहे
अपनी बात तो सिर्फ सुनना
हा बस बिना न्यायाधीश बनें
क्या कर पाएंगे आप ऐसा ????

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26 FEB AT 1:13

कभी कभी लोग आपको समझेंगे नही
कभी कभी लोग आपको
गलत समझेंगे
कभी लोग आपके जज़्बात
और हालत दोनो को गलत समझेंगे
पर आप अपनी सफाई में शब्दों
का इस्तेमाल ना करें
अपने काम पर ध्यान दें
वक़्त जवाब तैयार कर रहा है......

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22 FEB AT 0:23

शब्दों को कहाँ पता होता है
कि कहाँ जाना होता है...
जज्बातों का तूफ़ा जहाँ हो
वहाँ इनका बसेरा होता है...
कुछ बुरा कुछ अच्छा सब भ्रम है
असल मे तो दिल मे बस जाए
तो मुस्कुराहट मे छुपे दर्द होता है....
बाकी जाने दो किसने क्या कहा
इतना सोच के भी क्या मिला होता है ?

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22 FEB AT 0:10

तुम बस अंदाजा ही लगायो
कि मेरे हुनर को जान चुके हो तुम...
मेरे जज्बातों को अच्छे से
परख चुके हो तुम....
मेरे रूप अनेक गिन नहीं पयोगे
बस जैसे तुम हो उतना जान सके हो तुम....

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19 FEB AT 1:38

🥰🥰🥰🥰🥰
प्यार मोहब्बत इश्क़ की बात
जी अब आपको समझाये कौन
हर एक बात पर होते अलग जज़्बात...
मुझको शौक नहीं बाँधने का किसी को
ना ही खुद बंध जाना कबूल है....
अजी जनाब मुस्कुराइए
जिंदगी में इतना सीरियस
होना भी फिजूल है..….

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17 FEB AT 3:50

तू इश्क है मेरा ये गुमान
अब तुम्हें हो ना पाएगा .....
अब दिल से फिर वही प्यार हो ना पाएगा
तुझे भूल रही हुँ ऐसा कुछ नही
बस अब इजहार ऐ मोहब्बत सुनने को
हमसे तू तरस जाएगा....

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24 JAN AT 1:08

मुझे इंतजार नही अब किसी की मोहब्बत का
कि मुझे और दर्द की जरूरत अब नहीं...
मै खुद खुश हुँ अपने ही साथ
कि मुझे अब खौफ तन्हाई का नही...
तुमसे कहना कि मोहब्बत है तुमसे
ये सच है मेरी जिंदगी का अब
इसमे झूठ का हिस्सा कुछ नही...
तुम जानते ही कितना हो मुझे
मै इश्क़ की इंतेहा तक चाह सकती हुँ किसी को
उसके बदले मेरा दिल मांगता कुछ नहीं...
क्योंकी वजूद ही कुछ ऐसा है मेरा
मुझे प्यार के सिवा आता समझ कुछ नही...
मुझे करने दो मोहब्बत तुमको
कि ये बंदगी है मेरी कोई शौक हो
ऐसा कुछ नही, ऐसा कुछ नही....

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24 JAN AT 0:53

मै भाग रही हुँ तेज बहुत तेज
ठहर गयी तो थक जायूँगी....
तुम कहते हो रुको थोड़ा सा
पर रुक गई तो बिखर जायूँगी....
जानती हूँ वक़्त से पहले
मिलता नही किसी को कभी
इतना भी सोचा तो अटक जायूँगी....
मुझको उड़ जाने दो पंख लगाकर
ख़्वाबों के आसमान में,
मुद्दतों इंतजार किया है मैंने
अब और किया तो भटक जाऊँगी...

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4 JAN AT 10:16

जिंदगी मे अकेले ही चलना होता है ।
किसी का साथ होना,
एक छलावा है और कुछ नहीं ....
और अगर कोई है जो साथ दे रहा आपका
तो यक़ीन मानिये ,
आप दुनिया के खुशनसीब
इंसानो मे से एक है ।

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