अक्षरों के ज्ञान से, जिंदगी के ज्ञान तक,
नींव के निर्माण से, भविष्य के निर्माण तक,
बिन गुरु तेरे, इक बेजान सा पेड़ हूं मैं,
स्वयं के लिए स्वयं ही, ग़ैर हूं मैं।
फ़ैला कर अपनी ज्ञान का छाया,
मिटाया मेरी जिंदगी से अंधियारा है।
मां ने मुझे जन्म दिया, गुरु तुमने दिया सहारा है।
बिखरा पड़ा था, इस गुलशन में गुरु तुमने मुझे संवारा है।
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 😊🙏
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