हिन्दुत्व के नारा देते हो खुद को संत बताते हो
पर यह देश है सभी धर्मों का क्यों साम्प्रदायिकता फैलाते हो
हम भी हिन्दू है और राम को भी पूजते है
पर तुम तो लोगों के भावनाओं से खेलते हो
और हर जगह भगवा फैलते हो ।
भगवा हमे भी पसंद है अगर तुम छत्रपति होते
पर तुम तो पूरे धनपति के निकले
और खुद को ग़रीबों की मसीहा बताते हो।
समझने को इशारा काफ़ी है।
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