जो लोग खुद के अन्दर दूसरों के लिए इतना विष भर के रखते हैं और ऊपर मीठी बोलते हैं ,
वे लोग अन्दर भरी विष में मर क्यों नहीं जाते ....!-
अपेक्षा वहां करो जहां तुम्हारी कद्र हो
उपेक्षा मिलता है जहां वहां अपेक्षा करना व्यर्थ है ।-
गलतियां तो सबसे होती है ...
पर स्वीकार करना हर किसी से नहीं होता ....-
किसी और के लिए खुद को बदलना सही है क्या ...?
क्या पता अगर कल वहीं इन्सान बदल जाए...
तो। ...?-
हम उन्हें बेवफा समझ रहे थे , दिल से भी आजमा ने को तैयार नहीं थे ।
अंधेरों से घिरा इस मतलवी दुनिया में , वो प्रकाश की किरण बन के आए थे ।
अंत में पता चला वो खुद मिट कर हमें उंच्चाइ तक पहुंचने के खातिर ,
अपनी जिंदगी तबाह कर रहे थे ।-
है ! मनुष्य
चला था उनको बंदी बनाने में ,
आज वो आजाद है आसमां में और वादियों में ।
अब तो बदल दे खुद को ,
मिटा दे मन में उठी हर लालसा को ।
आपने ही जाल में फंसा हैं तू ,
घर के चार दीवार में बंदी बना है तू ....।-
बार बार मनाते गए हम उनको
हर बात मानते रहे उनके
पता न चला ये मानने और मनाने में
कब हम खुद को मनाने लगे .....-
बदल जाता है समय,
बदल जाता है मौसम ,
बदलते रहते यहां के इंसान ।
मगर बदला सिर्फ वह नहीं ,
आज भी लाल चुनरी ओढ़े हैं हर दीवार.....
# Red empire #
#Ravenshaw #-
दीवार है लाल, पेड़ पर लाल रंग की फूल
लाल होंठों से जो नाम निकालें
वो नाम भी है तू ......
I ❤️ ravenshaw...-