मानो तो झूठ भी सच, और ना मानो तो कुछ भी नहीं,
तय करो तो सब खिलाड़ी, ना करो तो चाँद भी नहीं,
चलो तो दूरी भी कम, ना चलो तो मंजिल भी नहीं,
मन लो तो ब्रह्माण्ड भी नहीं, ना मानो तो कल भी नहीं,
सब मन का ही खेल है, बाकी कहाँ से भी मेल है,
खुद को मानो और खुद को ही जानो,
जिंदगी भी शादी ही है, औरो का इसमें कोई खेल नहीं|
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सुनामी की तूफान छुपी हुई है,
शोर है अभी,
पर उथल न जाए,
ये सोच चूपी हुई,
दर्द है अभी,
पर टूट ना जाए,
ये सोच दूबकि हुई है,
सब्र बह गया जिस दिन लहरों के साथ,
उस दिन ये सुनामी तबह कर जाएगा,
फिर चाहे जितना रोकने की कोशिश करो,
ये सारे जज़्बात मिटा कर जाएगा।-
अब कैसे भुलाऊ,
दूर चले गए तुम इतने,
मन को कैसे समझाऊं,
एक पल में तन्हा कर दिया,
अब साथ कहां पाऊ,
उन्गली थम कर चलना सिखाया,
अब छोड़ दिया तो गिर न जाऊ,
तन्हाई में भी तुझे पाया,
अब भीड में भी तन्हा हो जाऊ,
कहना था बहुत कुछ,
अब निशब्द हु कुछ न बोल पाउ...
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इनका तो बस गुमराह करने का है गुण
इनका काम ही है छिनना चेन सुकून,
किसी का दिल टूटे फ़र्क न पंडता इनको,
जिंदगी से खिलवाड़ कर जीत मिला जिन को,
याकिन करो तो धोका,
निभाओ तो सजा मिलती है ,
साथ मांगो तो सौदा,
निभाओ तो ठोकर मिलती है|-
चलने का शौक था जनाब,
शौक से चल तो दिए,
पर अब वापसी का कोई रास्ता नहीं,
और ये जिंदगी उब कर थिरकना चाहती है...-
साथ देंगे कहने वालों की तो साथ ही छोड़ो,
क्यूंकी वो तब साथ छोडेंगे,
जब तुमको साथ की सबसे ज्यादा ज़रुरत होगी ....
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अगर मंजिल तय है तो,रुकना क्यूं है,
अगर इरादे बुलंद है तो,थकना क्यूं है,
अगर आगे बढ़ना है तो,बेफ़िक्र आगे बढ़ो,
यूं डर कर,पिछे हटना क्यूं है,
अगर चुनौतिया मिलती है तो,हौसले से सामना करो,
यूं हार कर, किसी से झुकना क्यूं है l
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ना ही जता सकते है की,
क्या महसूस करते है तुम्हारे लिए,
आंखें बंद करो तो सामने,
खोलो तो ओझल हो तुम,
बयां नहीं कर सकते ,
न ही जता सकते है की,
क्या अहमियत रखते है तुम्हारे लिए,
तन्हाई से मिले तो साथ,
भीड़ में मुसाफिर हो तुम |-
अगर प्यार न हो सच्चा,
जब दिखावे का हो प्यार,
तो टूट जाना ही अच्छा,
जब समय ही न हो साथ,
तो इंतज़ार न करना ही अच्छा,
जब मंजिल ही न हो सामान
तो रास्ते बदलना ही अच्छा.
जब अपनी एक पल न आये याद,
तो भूल जाना ही अच्छा
बार बार दिल दुखाने से ,
दूर हो जाना ही अच्छा |-
सफर अकेले करना है ,
फिर किसलिए डरना है,
खुद का सहारा बनो,
खुद पर यकीन करना है,
हजारों मिलेंगे तुम्हे,
पर सबसे अलग चलना है,
मतलब के हाथ मिलेंगे तुम्हे,
पर खुद का साथ ही चुनना है,
कमजोर करेंगे दुनिया तुम्हे,
पर खुद का हौसला बनना है l
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