Khawahishe jada ho to need kaha aati hai.
Raat bs ek naye saware k intejar me bs khtm ho jati hai.
Chhat pr lga diya bhi Suraj ki roshani jhel nahi pata.
Jaise hi nikalta hai suraj, diye ko apni aukat smjha aati hai.
Assaman k sitaro ko apni chamak pr gurur tha.
Kal chand raat kya huyi, sara gurur chur ho gya.
Ab na puchna k ye kaisa naya Roop dikhaya hai.
Bahot jale hai hm, tb ja kr ye hunar hamne paya hai.-
होती है कमी मुझे महसुस कभी कभी,
और ये शायद तुम भी महसुस होती होगी।
पर चूनी है ये राह हमने मिल कर के,
फिर हम मिले ना तो क्या हुआ।
शाम वक्त, सिफर में खोया, कभी मैं यादो में तलशता तुमको,
और यकीन है, ऐसे ही तुम ने भी कभी, मेरी तहकीक की होगी।
पर इन फासलो का फैसला हमारा ही तो था,
फिर हम दूर हुए तो क्या हुआ।-
Some time I feel it's not the end between you and me.
Only we chose to love each other by different way.
Now you miss you and I miss you too.
But we will never say this verbally to each other.
Don't know why..!!
I think, we just made promises to self only.
No matter what will be, but we will stick to each other, but in memories only.
Don't know why..!!
We cry, we talk, we share, we walk.
But with you in me and me in you.
Don't know why..!!
We wanted to hug, we want a great cuddle too.
But never we will meet again because this way, our love will never end.-
Khuda ko masjid me kya dhudhu,
Jo wo mere pas hi nahi h to waha kya hoga.
Ab tum kahoge k wo to har jagah hai.
Par janab.. jab mai hi nek dil nahi, to mera kya hoga.-
जैसी भी है जिंदगी, मुझे आराम तो है।
अजी मैं बदनाम ही सही, मेरा नाम तो है।
नहीं बन न कोई सच्चा शाहूकार मुझे।
अजी लूट करता हूं और आगे भी करूंगा, ये बात सरेआम तो है।
अच्छा कौन है शरीफ इस बस्ती में बता दो,
प्रीत कौन है शरीफ इस बस्ती में बता दो।
हम ढोंगी नहीं उनकी तरह, हमारी हरकत आम तो है।
जैसी भी है जिंदगी, मुझे आराम तो है।
अजी मैं बदनाम ही सही, मेरा नाम तो है।
चढा रखे हैं सबने यह सराफत के मुखौटे
कम से कम हम यहा खुलेआम तो है।
जैसी भी है जिंदगी, मुझे आराम तो है।
अजी मैं बदनाम ही सही, मेरा नाम तो है।-
कभी कुछ कुछ रिश्ते, बस इसीलिये बदनाम होते हैं..!!
जिन्हे हाथ थामना तो पसंद है बंद कीवाडो में, और गैर लोगो में यही खुलेआम होते हैं..!!
कोई तकरीर करे भी तो क्या इनसे प्रीत,
कोई तकरीर करे भी तो...... क्या इनसे प्रीत..!!
ये वो लोग है जो शौक-ए-नवाब होते हैं..!!
बस गुजारनी है जिंदगी, उन्हे गुमनामियत में।
अब उन्हे क्या पता, उनके तो चर्चा खुलेआम होते हैं..!!
कभी कुछ कुछ रिश्ते, बस इसीलिये बदनाम होते हैं..!!
जिन्हे हाथ थामना तो पसंद है बंद कीवाडो में, और गैर लोगो में यही खुलेआम होते हैं..!!-
वो लम्हे जो बीत गए,
मेरी यादो में जिंदा है।
वो पन्ने जो छुट गए,
अधूरी किताबो में जिंदा है।
वो आईने जो टूट गए,
बंद कबाड़ो में जिंदा है।
वो रिस्ते जो छुट गए,
मेरे जज्बातो में जिंदा है।
वो लम्हे जो बीत गए,
मेरी यादो में जिंदा है।-
कभी-कभी मैं अकेला बैठ जाता हूँ।
कभी अँधेरे बंद कमरे में।
कभी अकेले पहाड़ी पर।
कभी खामोश नदी किनारे के पास।
कभी समुद्र तट के पत्थरों पर।
और कितनी जगह..!!
मुझे और मेरे अंदर की शांति को खोजने के लिए।
क्योंकि...
कभी-कभी मुझे लगता है कि उत्तर मेरे अंदर हैं, आसपास में नहीं।-
Baya karu ye aadat nahi,
Pr kuch shikayate Teri to kuch meri bhi hongi.
Mafi mangne ki jaroorat bhi nahi smjhta.
Kyuki kuch galtiya Teri to kuch meri bhi hongi.-
Din h ki ye roshani h Teri..
Jo nur dikha wo tera nazara hi to h..!!
Jo hmse puche koi kaisa h hal tmhara.
Bs u kah diya k dil pr bs tera pahra hi to h..!!
Jo dekhu aaina dikhe surat Teri...
Jo dekhu aaina dikhe surat Teri...
Ab kaise kahu akho k bundo me bs tera chehra hi to h..!!-