Prisha   (Prish@)
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Joined 5 July 2020


Joined 5 July 2020
9 NOV 2021 AT 23:33

दिए जलें, दिल जलें
हमें इंकार थोड़ी है।
महज़ चंद बातों का मतलब,
प्यार थोड़ी है।।

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28 AUG 2021 AT 7:04


हाल ही कुछ ऐसा है इस बेसुलझे से खयाल का,
भला कोई आतिश कैसे माचिस से गुरेज करें।।

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21 JUL 2021 AT 23:28

हर रोज इसी इंतजार में,
मैं घर से निकलती हूं।
वो ठहरा होगा मुझ में कहीं ,
और मैं बस, उसी खयाल के साथ चलती हूं।।

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6 JUN 2021 AT 18:31

There is a controversy between me and my thought,
I want to control it but,it didn't do so.
So, i was trying to pen it down
and keep it with me,forever in my words
but my heart didn't allow me to do so.
So, yaa rest is the story....
Reed in caption ❤

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4 JUN 2021 AT 20:41

यह दिन भी गुजर जाएगा,बिना कहे बिना कुछ सुने
ना वो कानों में गूंज है ,ना वो लोग नोक छोंक वाली किलकारी
कितनी खुदगर्ज हो गई है ना ये जिंदगी हमारी
ना अपना होने देती है,ना अपनों को खोने देती है
मैं भी जिंदगी के उसी दौर से गुजर रही हूं।
असमंजस में हूं....
मगर नहीं जानती इस खामोशी का राज
मेरे उन तमाम से बेफिजूल ख्वाबों की आवाज
मैं बस जीना चाहती हूं अपने ढंग से
बदलना चाहती हूं खुद को, अपने खुद के रंग से
मगर यह दिन भी गुजर जाएगा ,बिना कहे बिना कुछ सुने।

वो आवाजें चीखती है मेरे अंदर
अभी भी याद है वो अश्कों का समंदर
उनमें शायद! हिम्मत नहीं,मेरी तरह सामना करने की
बेहतर है खामोशी से सह लिया जाए
हर वो आलम जिसे जिसमें आप जीना नहीं चाहते
साहिल पर बैठी मेरी एक कहानी
अपना दम घोटने जा रही थी
वाकयों की वो हर कतार ,उसे अपनी सी नजर आ रही थी
मगर थम गया वो आलम, बिना कहे बिना कुछ सुने
क्योंकि वह दिन भी गुजर गया।।

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13 APR 2021 AT 0:21

कहानी को कुछ और ही कहना था।
उसे मेरा थोड़ा कम ही रहना था।
वो शायद ठहर गया ,खुद ही
न जाने उसे अभी कितना खुश रहना था।।

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2 APR 2021 AT 11:35

वो राह ए मोहब्बत पर चलने वाले जान पड़ते हैं।
पूछो जरा उनसे किस किस चेहरे से जान पड़ते हैं।
फ़र्ज ना करो, फिर भी तुम अकेले नहीं हो
मोहब्बत के इस शहर में ,हमें भी सब अपने जान पड़ते हैं।।

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8 MAR 2021 AT 0:51


यूँ तो कुछ कदम दूर ही था ....उसका घर
उसको लगा, मेरा है ही नहीं ये शहर।।

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21 FEB 2021 AT 8:44

ये शहर कुछ याद दिलाता है।
ना जाने क्यूँ, पास बुलाता है।
मेरी महफ़िल में होना, शायद कभी अखरा था उसको
उसका ना होना,मुझे अब तक रुलाता है।।

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18 FEB 2021 AT 0:46

मैं उसके लिए रो रही थी, जिसे मैं जानती तक नहीं।
आखिर चाहती क्या हूं ,मानती ही नहीं।
उसको मेरा होना गवारा नहीं लगता,
तो जाने देते हैं ना!!
मुझे तो वो फिर भी आवारा नहीं लगता।।

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