🙏🙏छठ पर्व 🙏🙏
प्रेम में तो वैसा कोई शर्त नहीं होती है
लेकिन फिर भी,
सुनो!मेरे प्रेम की एक शर्त है,
उसे पूरा कर पाओगे क्या तुम?
हम बिहारी है, हमारे मैं छठ पर्व की बहुत महिमा है
अपने सारे काम छोड़ कर,
छठ पूजा पर घर आ पाओगे क्या तुम?
बड़े मॉल की इच्छा नहीं है मुझको,
छोटी से दुकान से ही लेकिन पीयरी साड़ी दिला पाओगे क्या तुम?
ठकुआ मैं बना लुंगी,
पर क्या मेरे हाथ बटा पाओगे क्या तुम?
कालसा, दउरा, सुप सब सजा लुंगी मैं
बस घाट पर दउरा पहूचा पाओगे क्या तुम?
©sana_1992
सना गुप्ता-
❤️
अजनबी से एक- दुसरे की जान बनने तक का,
यह सफर भी कितना खूबसूरत है।।
सना गुप्ता 🌸🖊️🖊️
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माँ
लबों से कुछ ना कहूँ, फिर भी सब जान जाती है,
चेहरा देख कर, हर तकलीफ़ जान जाती है माँ!-
सोचा ना था ख्वाबों में भी कभी हमने...
कैद होकर घरों में हम अपने ...
आजादी का यह दिन भी कभी मनायेंगे ..!!-
आजादी अभी अधूरी सी लगती हैं...
सम्पूर्णता आज़ादी तो तब मिलेगी...
जब देश का हर बच्चा शिक्षा प्राप्त कर सकेंगा...
जब देश की हर नारी अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकेंगी...
जब देश के हर व्यक्ति को भर पेट खाना मिल सकेंगा...
तब सम्पूर्ण आज़ाद हम कहलायेगे...!-
अलविदा
खूदा के दरबार में जश्न-ए-माहौल होगा आज,
हमारी महफ़िल का सितारा, महफ़िल-ए-जन्नत सजाने पहूँचा है!!-
सन्सार को प्रेम सिखाया कान्हा ने...
मित्रता का सही अर्थ सिखाया कान्हा ने...
अन्याय से लडना सिखाया कान्हा ने...
भगवद् गीता का ज्ञान सन्सार को दिया कान्हा ने.!!-
जातिवाद के बलि चढ़ जाती हैं...
इश्क़ की कुछ कहानियाँ अधूरी रह जाती हैं!-
कब, कहाँ, और किसके साथ होना है, ये कहाँ कोई जानता है!
ये इश्क़ है जनाब, ये कब किसी की सुनता है!!-