जब दूर से देखता हूँ
हर शख्स गलत नज़र आता है
पर जब पास जाकर देखता हूँ
हर वो शख्स,अपनी-अपनी जगह
सही नज़र आता है।
वह रावण जो सीता का हरण किया था
गलत था..................................
पर अपनी बहन के नजर में सही था।
वह मर्यादा पुरुषोत्तम राम जो
माता सीता को अग्नि परीक्षा देकर
अपनी पवित्रता को सिद्ध करने के लिए कहा,
गलत था....................................
पर प्रजा की कल्याण के लिए सही था।-
बादल तो घने काले साये हैं
आसमां मे थोड़ी देर छाते हैं
फिर बारिश बन
जमीं पर बिखर जाते हैं।
दुःख भी बादल की भांति
क्षणिक है,
आँसू जब आँख से गिरते हैं
सारी व्यथा बहा ले जातें हैं।-
मोहब्बत वाली की गई वो बातें
छुप-छुप कर की गई मुलाक़ाते
याद रखिएगा, याद रखिएगा।।
दरख्तों के साये में बिताये पल
बारिश की बूंदो में भींगे वो कल
याद रखिएगा, याद रखिएगा।।
नावों में चढ़कर गंगा माँ की सैर
माँ शारदा की पूजा में चढ़ाये बेर
याद रखिएगा, याद रखिएगा।।
होली की मस्ती में लगाये वो रंग
दीवाली की रातों में जलाये बम
याद रखिएगा, याद रखिएगा।।
बर्थडे की पार्टीयों का वो बखेड़ा
केक में लिपटा खुबसूरत मुखड़ा
याद रखिएगा, याद रखिएगा।।
कल हम कहीं हों,आप कहीं हों
दूरियां अगर मीलों में हों,फिर भी
याद रखिएगा, याद रखिएगा।।-
छोटी खिड़की
एक छोटे से कमरे में
एक छोटी सी खिड़की है।
उस खिड़की से,
बाहर एक छोटी सी दुनिया दिखती है।
दिखते हैं कुछ नौजवान-
किताबों की बोझ दबे,
पसीनों से भींगे,
आखों में बेचैनियाँ लिए।
हाथों में उनके देश-विदेश के नक्शे हैं,
कुछ अखबारे हैं,
इतिहास के कुछ पन्ने भी हैं,
देखकर तो लगता है
किसी मंजिल की खोज में हैं।-
इस कदर जुड़ी है मेरी रूह तेरी रूह से
ख्वाबों में भी तेरी यादों का पीछा करती है।
चाँद,सुरज,हवा,बादल,बारिश,मिट्टी,पुष्प
यूँ कहूँ तो संपूर्ण कायनात के कण-कण में
सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हें ही महसूस करती है।-
वो सुबह कभी तो आएगी
जो तुम्हें मेरे ख्वाबों से भगा
मीलों दूर कहीं ले जाएगी।
वो बादल कभी तो छाएगी
जो चाँद सा तेरे मुखड़े को
आँखों से ओझल कर जाएगी।
वो बारिश कभी तो बरसेगी
दिल में बसी तेरी यादों को
दूर शहर बहा ले जाएगी।-
वह प्रेम ही है
जो तस्वीरों में
रंग भरता है
अन्यथा
वह तो केवल एक
श्वेत-श्याम तस्वीर है
बिना आकर्षण के।-
तुम्हारे
प्यार का दिया
सबसे बहुमूल्य
तोहफ़ा है
जो ताउम्र
साथ रहेगा मेरे।-
"मोदी जी"के भाषण सुनकर
बेइन्तहा खुशी हुई ये जानकर
कि बनेंगे अब तो आत्मनिर्भर
और तलेंगे पकोडे दिनभर।
उठाया झोला और चले बाजार
साथ लिए अपना सतु आचार
हुए चाचा जी के ऑटो सवार
ऑटो वाले ने मांगे एक हजार
कहा पेट्रोल है भैया सौ के पार।
गये फ़िर लाला किराना दुकान
पुछे दुकानदार से तेल के दाम
दो सौ पार सुनकर गिरे धड़ाम
जैसे तैसे खरोदे बाँकी सामान।
पता किए जब रसोई गैस के दाम
नौ सौ पार सुन फिर से गिरे धड़ाम
उठे फिर लेकर मोदी जी के नाम
और कहें "आयेगा तो मोदी ही"।।-
जब जिक्र इश्क का हुआ
तो जुबां पे अनेकों नाम आयें।
परन्तु, जब बात
पहली मोहब्बत की हुई
तो सिर्फ़ तुम्हारा ही ख्याल आया।-