कम शब्दों में अगर कोई कहानी लिखूं
तेरे नाम मैं अपनी सारी जवानी लिखूं ।
तालुक्क तुझसे कोई मेरा अब का नहीं
सदियों की तलाश को मैं जुबानी लिखूं ।
मुझे दुनिया दारी से कोई वाबस्ता नहीं
बस तेरे संग ये उम्र बितानी लिखूं ।
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बेमतलब की यारियां निभाते है लोग
मुश्किल घड़ी में यूं तन्हा छोड़ जाते है लोग
आदत से मजबूर है या नियत में खोट है ।
जरूरत है आप तब तक सबकी
जब तक आपकी जेब में हरे हरे नोट है ।-
मेरे प्यारे दोस्तो आशा करता हूं । आप सभी स्वस्थ और सकुशल होंगे । हमने हमारे यूट्यूब चैनल पर इक वीडियो पोस्ट किया है । जिसका नाम सृष्टि है । कृप्या हमारे यूट्यूब चैनल डेस्टिनी मेकर्ज प्रोडक्शन्स पर जाएं । और उस वीडियो को लाइक कीजिए अगर आपको पसंद आए । उसके प्रति आपके क्या विचार है । उन्हें हमें जरूर बताएं और चैनल को सब्सक्राइब जरूर करे । लिंक मेरी प्रोफ़ाइल में है धन्यवाद् । खुश रहे स्वस्थ रहे । आभार 🙏
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डर से डरूँ तो क्या हूँ मैं
कोशिश ना करुँ तो फ़ना हूँ मैं ।
ये हार या जीत की जंग नहीं मेरी
अंत से परे खुद ही का खुदा हूँ मैं ।
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आज खाली है मन
और कोई ख्याल भी नहीं है ।
किसी अपने का अपनों से
कोई सवाल नहीं है ।
हिन्दू मुस्लमान यूं तो करते है
सियासी लोग यहां
अपने मतलब के लिए ।
वैसे तो मेरे भाईयों का
आपस में कोई बवाल नहीं है ।
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तुझे यहां ढूंढा
तुझे वहां ढूंढा
गली गली तेरा निशान ढूंढा
मिला कहीं नहीं जब
मैं थक के हार गया
अंदर से आवाज़ दी तब
मिल मुझे यार गया ।-
चलते चलते कभी रुक सा जाता है
ये पल भी ना ! गुज़रे तो याद बनकर
नहीं तो ख्वाब बनकर बहुत रुलाता है ।
किसी की श्याम बनता है
किसी की रात बनता है
ये मन मौजी है जनाब !
ये आपकी मेरी कहां सुनता है ।
पर इक बात तो कहने वाली है इसकी
ज़िन्दगी के हसीन लम्हों को कैद करता है ।
हम रहे या ना रहे कल
लोगो के जेहन में हमको ज़िंदा रखता है ।-
मुझे मेरे मैं से रिहाई दे
आवाज़ कानों में पड़े
जब भी मेरे
मुझे हर लफ्ज़ तेरा सुनाई दे ।
है आंख मेरी पर वो आंख नहीं
गर कर्म हो तेरा तो बिन आंखों
के तू ही दिखाई दे ।
इस हर्फे बयां को ना तोलना तुम
शब्दों के तराजू में ।
मैं बैठा हूं यार के दरवाजे पर
ए मौला तुझ में खो जाऊं
ऐसी खुदाई दे ।
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इक प्यारी सी मुलाक़ात
तेरी मुझसे मेरी तुझसे
याद है ना ।
उन गहरे एहसासों में
तेरा मेरे मेरा तेरे
करीब आना
याद है ना ।
तड़प तेरे दिल में थी बरसो से
जैसे मुझको थी कभी
ख्वाब अब ख्वाब नहीं
हकीकत है अभी
याद है ना ।
अभी ज़िन्दगी के मायनों में
वो जुदाई का आलम नहीं
खुश हूं अब के वो खुशी साथ है ।
इन अनमोल लम्हों में हमने पकड़ा
इक दूसरे का हाथ है
यही सच्ची मोहब्बत के जज्बात
है ना ।
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देवो के देव वो महादेव है
योग विद्या में परिपूर्ण ।
मुख पर अलौकिक तेज है
शून्य सी इकाई है ।
चिंता द्वेष भय से मुक्ति
मुझे शिव शंभू ने दिलाई है ।-