अभी बोहोत कुछ जानना बाकी है।
दौड़ रहा जिस राह पे वो मंझिल को पाना बाकी है,
जो कर्ज मेरे ऊपर अपनो के है वो कर्ज चुकाना बाकी है,
वोह वादे किए जो मैने किए शान से थे, उनको निभाना बाकी है,
कुछ छोटी छोटी खुशियां हैं जो देख के जाना बाकी है,
कुछ काफी बड़े मेरे ख्वाब है जिन्हे सच बनाना बाकी है,
जिन्होंने दिया यह नाम मुझे उनका नाम बनाना बाकी है,
अरे सिर्फ थोड़ी और सी मोहलत मिले जिंदगी
अभी बोहोत कुछ जानना बाकी है
वक्त तो निकला लोगो में अभी खुदको जानना बाकी हैं।
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