बड़े होकर क्या मिला दिमाग में बोझ
और दिल में गम
काश वो बचपन फिर से जी पाते हम
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गाली हो प्रणाम समझना पड़ता है
मधुशाला को धाम समझना पड़ता है
आधुनिक कहलाने की अंधी ज़िद में
रावण को भी राम समझना पड़ता है-
आवास भगवा लिबास भगवा
मैं स्नातन धर्म के राह चलने वाला हूं
तुम सब रावण बन जाओ
मैं राम भक्त ही ठीक हूं-
बन के हादशा बाजार में आ जायेगा
जो नहीं होगा ओ अखबार में आ जाएगा
चोर, उच्चको की करो कद्र
के मालूम नही कब कौन किस की
सरकार में आ जाएगा।-
यदि कृपा बनी रही
मेरे नाथ की
तो लकीरें बदल दूंगा
अपने हाथों की।
🙏जय हनुमान जी🙏-
निरंतर प्रयास ही जीत को,
सुनिश्चित करता है
क्योंकि इस बार आपकी
शुरूवात शून्य से नही होगी।-
कहते है अगर इश्क हो सच्चा
तो पूरी कायनात लग जाती है मिलाने में
पर अगर महबूब ही निकल जाए बेवफा
तो दिक्कत आ जाती है मिलाने में-
भगवा तिलक है माथे पर
हिंदू मेरा नाम है
तन भी भगवा मन भी भगवा
मुख पे जय श्री राम है-
Banshi Sab shur tyage hai
Ek hi dhun me baje hai
Hal na poocho Mohan Ka
Sab kuchh राधे राधे hai-