Prince Kashyap   (Prince writer)
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My writing depends on my mood
Quotes maker
Joined 30 June 2020


My writing depends on my mood
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Joined 30 June 2020
17 JAN 2021 AT 11:55

ज़ख़्म जो पुराने हैं वो अभी तक भरे नहीं,😔
आसुओं की बारिश में निग़ाहें भी लाल हो गई ।😣
और जानें कैसे ज़िंदा हैं हम अभी तक मरे नहीं,😓
मेरे ख़ुदा तेरी इश्क़ -ए -सजा भी कमाल हो गई...।।😞

@mystryofkalam

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7 JAN 2021 AT 21:29

वो चांद हैं फलक का,
मैं फिज़ा से टूटता तारा हूं।
वो दिल में क़ैद कोई दारिया,
मैं पलकों सा सूखा किनारा हूं।
वो लफ़्ज़ है मेरी मोहब्बत के
मैं उसके इश्क का इशारा हूं।
और साथ चलने से डर नहीं हमें बस
वो वक्त है अभी जमाने का ,
मैं उसी वक्त का हारा हूं...।
@mystryofkalam

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3 JAN 2021 AT 14:09

के मैं ख्फा हूं खुद से ,
तुम आकर मुझे मनाओ ना ।

के मैं खोया हूं शोर में दुनियां के,
तुम आकर मुझे अपनी खामोशियां सुनाओ ना।

के मैं रोता हूं ख़ुद से लड़कर,
तुम आकर मुझे हसाओ ना।

के मैं सोया हूं मौत का लिबाज़ ओड कर,
तुम ज़िन्दगी बनकर मेरी मुझे नींद से जगाओ ना।

के मैं चाहता हूं तुम्हें पूरे दिल से अपने,
तुम भी आकर मेरे और सिर्फ़ मेरे हो जाओ ना...।
@mystryofkalam

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28 DEC 2020 AT 0:42

कितने कागज़ बेकार कर दिए,
कितनी कलम तोड़ दी मैने
लेकीन अपने जज़्बात ना बता पाया मै उसको
इतना प्यार किया मैंने उसको,
अपनी मोहहबत की हद का पैग़ाम दिया मैंने उसको
और इश्क करके उसे मै भूल गया मोहहबत
और जब वापस वहीं प्यार मिला तो संभला नहीं
दिल से मेरे
के धडकने से पहले हर धड़कन कह रही हैं मुझे ,
अपनी सांसों के साथ खिलवाड़ कर सिर्फ़ धोखा दिया मैंने उसको....,🖤🖤🖤
@Mystryofkalam

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26 DEC 2020 AT 8:14

जो सुनाई दे ख़ामोशी में ,
एक वो आवाज़ हो तुम
जो गाता हूं मैं तन्हाई में
वो हसीं साज़ हो तुम
और दूआओ में तूझे मांगकर क्या करू
मेरी तो सुबह की आरती और शाम की नवाज़ हो तुम...।

शायरी की डायरी से.......
@mystryofkalam

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26 DEC 2020 AT 6:54

समेट लेते हैं अक्सर ख़ुद को बिखरने के बाद,
संभल जाते हैं यूं ही किसी की यादों में टूटने के बाद,
और अभी तक तलाश रहे हैं खुद को इस दुनियां में
मैं अभी तक मिला नहीं ख़ुद से तूझे देखने के बाद...।
@mystryofkalam

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23 DEC 2020 AT 19:03

है दिल में क़ैद जो दरिया,
वो आंखो से बहना अभी बाक़ी है

कुछ फासले ही तो हैं सिर्फ,
फासलों का दूरियों में बदलना अभी बाक़ी हैं

वक्त के बदलने से कुछ हुआ नहीं,
वक्त के साथ हालात बदलना अभी बाक़ी है

और घूम रहे हैं इक बेजान जिस्म लेकर,
उस बेजान के जिस्म पर कफ़न चढ़ना अभी बाक़ी है...।
@mystryofkalam

_prince writer











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21 DEC 2020 AT 7:42


ना ज़िन्दगी का साथ, ना हि मौत का सहारा मिला
यूं ही रोते रहेंगे बिस्तर में छुप- छुप कर
कुछ तन्हा रातो से बस ये इशारा मिला...।
@mystryofkalam

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18 DEC 2020 AT 20:22

एक सपना आया रात को,
सपने में एक परछाई सी थी
कुछ जज्बातों ने बदल दिया बातो को,
उस वक्त मेरे हर लम्हे में तन्हाई सी थी
और मैं डूब कर पहुंचा ही नही किनारे पर ,
उसकी नज़रों में कैद दरिया मे कुछ गहराई सी थी...।
@mystryofkalam

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18 DEC 2020 AT 17:14

जो इक नज़र में, नज़रों से छलकर पलकों पर सजा है
मेरी आंखों से निकला वो पानी हो तुम

जो कोरे कागज़ को स्याही से अपनी एक किताब बना दे
मेरी कलम से लिखीं इक वो कहानी हो तुम

जो जिया मैने हर इक लम्हे में उसे महसूस कर के
मेरे ख्वाबों की वो हसी जिंदगानी तुम हो...।
@mystryofkalam

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