Waqt Rahta Nahin Kahin Tik Kar
Aadat Is Ki Bhi LOGO Si Hai...-
पापा ,तुम फिर लौट आओ
किसी शाम ,जैसे आते थे हर रोज ,
जब तुम्हारे झोले में ,हम ढूँडते थे ,वो सारी खुशियां
जो अब महंगे बाजारों में नहीं मिलते ,
तुम लौट आओ हम फिर साथ खाना खायेंगे
माँ फिर आओ मुझे फिर वही आसमां छूना हैं
जो मिलता था तुम्हारे कांधे पे बैठके
वो अब नहीं दिखता, ईमारतों के जंगल में ,
पापा तुम लौट आओ अब नींद नहीं आती ,
पहले फिक्र तुम ओढ़ लेते थे और मैं सो जाता था ,बेफिक्री से सारे ख्वाब
तुम्हारी गोद में रख के ,
पापा तुम लौट आओ हम फिर बाजार चलेंगे
जब पैसे कम होते थे, मगर खुशियां ज्यादा
जब तुम खरीद लेते थे ,हम सबकी ख्वाहिशें ,
बस एक खुद की छोड़के ,पापा ,मैं किसी से कहता नहीं
मगर मैं देखता हूँ ,हर शाम दरवाज़े पे , तुम्हे ,हर रोज
पापा .....तुम लौट आओ ..फिर से कहीं से ....
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कोई सुलह करा दे
ज़िन्दगी से...
बड़ी तलब लगी है,
मुस्कुराने की..!!-
नहीं रहा "दौर ए उमर"
"कामिल" वरना
गुस्ताख़ सुधर जाते या गुज़र जाते..।-
की मुहम्मद से वफ़ा तूने तो हम तेरे हैं,
ये जहां चीज़ है क्या, लौह-ओ-क़लम तेरे हैं.
#OurProphetOurHonour ﷺ-
Ae Allah Kis Qadar Aapne Mere Gunaahon Ko Chupa Rkha hai,
Aksar Log Mujhse Bhi "Dua"
Ke Liye Bol Dete Hain.
😔🤲😔— % &-
मोहब्बत करते हो तो अदा-बे-वफ़ा भी सीखो
फारिग वक्त की बेकरारी को मोहब्बत नहीं कहते.-
चार दिन की बात पर बाबू-शोना होना
फिर क्या
🤣बाबू-शोना का अलग होना🤣
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Apki Ankho me hi to dekha hai..
Baad uske kaha Kuch dekha hai..-