नये वक़्त की सदा है ज़रा सम्भल कर चलो
ज़मीन पे खून फैला है ज़रा सम्भल कर चलो
इरादतन बिछड़ ही गये तुम तो क्या हुआ हमदर्द
नही अब कोई रिश्ता है ज़रा सम्भल कर चलो
था एक ज़माना के चेहरा तुम्हे भाता था हमारा
हमारे कत्ल का इरादा है ज़रा सम्भल कर चलो
-
Prince Hamdard
(hamdard)
199 Followers · 435 Following
Joined 6 September 2019
12 JUL 2022 AT 2:53
12 MAY 2022 AT 23:59
यार तुमसे दूर अब रहा नही जाता
और करे क्या कुछ समझ मे नही आता
पहले लगता था मिल जाएगा सुकून हमे
के अब दिल की हालत है के रहा नही जाता-
7 MAR 2020 AT 18:43
मेरे वालिद की वो शख्शियत थी मैं क्या बया करू
के सहते रहे सब कुछ कभी उफ्फ तक नही किया-
25 DEC 2021 AT 23:32
ना मैं अच्छा था ना अच्छे थे फसाने मेरे हमदर्द
खो गए वो दोस्त जो मिलते नही पुराने मेरे-
22 DEC 2021 AT 0:39
मैं कुछ भी कहूँ तो बात तहज़ीब की आ जाती है हमदर्द
लोग क्या कुछ नही कहते कभी चर्चा नही होता-
20 OCT 2021 AT 11:25
हमारी बेहिसी देखो के हम हमदर्द कहते हैं
जो हमको देखते ही हर जगह खुदगर्ज़ कहते है
-
29 AUG 2021 AT 12:02
रंग सारे ही उड़ गए चेहरे के हमदर्द
ज़ालिम दुनिया मे परवाज़ करते करते-
25 JUL 2021 AT 11:55
ऐसा भी खुद से इश्क़ निभाया हमने हमदर्द
खुद से रूठे भी रहे और खुद को मनाया हमने
-
18 JUN 2021 AT 20:37
जिन लोगों ने ठुकराया हमको क्यों उन लोगो को याद करे
आगे को एक नया कारवाँ ठहरा है आओ हमदर्द उनके साथ चले-