सज़ा मिल रही मुझे मेरे गुनाहो की,
इससे बचा सकता मुझे कौन है ।
दिख तो सभी को रहा दुःख मेरा ,
यहाँ हर कोई जानबुझकर मौन है ।
बने फिरते थे जो मेरे अपने बहुत खास ,
उन्हें भी न मुझ पर तरस आता है ।
अपना काम तो कब का निकल गया अब
इसे तड़पने दो अपने बाप का क्या जाता है ।
भलाई के बदले भलाई नहीं मिलती इस दुनिया में ,
ये तुमने सिद्ध करके दिखा दिया ।
गलती की थी तुम्हारा हाथ थामाकर तुम्हारी जरुरत पर ,
कैसे आज तुमने मुझे इतना नीचा दिखा दिया ।
वो एक वक्त था आज एक वक्त है ।
एक वक्त और आएगा तब मेरी बातों को जानोगे ।
खून के आंसू रोओगे अपनी गलती जानकर,
कुछ न कर पाओगे ....बहुत पछताओगे ।
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पर आदतों से अपनी बाज न आता हु ।
मन की बात मन में ही नहीं रखता,
खु... read more
तुम्हारा मेरे लिए यु बेफिक्री दिखाना,
मुझे मज़बूर कर रहा...
तुम्हें अनदेखा करने के लिए ।
मेरी रूचि सिर्फ तुम में है ये अच्छे से जानती हो,
तुम्हारी मुझ में कोई रूचि नहीं...
ये बहाना काफी है मुझे मरने के लिए ।
😔😔😔😔😔
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साथ दूँगा जिंदगी भर लेकिन,
तुम भी साथ देने का वादा करो ।
मैं जितना चाहुंगा तुम्हें वो भले कम हो,
लेकिन तुम मुझे हमेशा प्यार ज्यादा करो ।-
महिलाओंं में भी लग रही होड़ अपना जिस्म दिखाने की।
और गलती सिर्फ पुरुषो की बताई जा रही है ।
कैसा ये समाज़ है और कैसे है इसके संस्कार ,
क्या तुम्हें ज़रा भी लाज नहीं आ रही है।-
हम आपके अपने है,
अपने ही रहेंगे सदा,
आपने अपना माना,
इसकी ख़ुशी मनाते रहेंगे।
जिंदगी जैसी थी,
वैसी ही कट रही है
आगे भी जिंदगी को....
यु ही चलाते रहेंगे-
बताओ कब है फुर्सत तुम्हें ,
चलेगे साथ पियेंगे कॉफी ।
थामुगा धीरे से हाथ तुम्हारा ,
गुस्सा होने पर मांगूगा माफ़ी ।
गर प्रसन्न हुई तुम स्पर्श मेरे,
खुश होकर तुम्हें खिलाऊंगा टॉफी।
दिल की बातें कहुगा खुलकर ,
कहने को कुछ भी न रहेगा बाकी।-
ऐ संगमरमर से रूप वाली ,
यु तिर्छी नज़रों से न देखा करो ।
मेरे मोहब्बत के गुलाब संभाल कर रखो,
यु कूड़ेदान में न फेका करो ।-
इस हसीन चेहरे को देखते ही मेरे आँखों में फिर नई चमक आ गई।
एक तुम ही तो हो जो इस मन को सबसे ज्यादा भा गई ।
अभी तो बीच में लग रहा था कमज़ोर पड़ रही हमारी रिश्तों की डोर ,
अब फिर से लग रहा जैसे एक नई मज़बूती आ गई ।-
हर पल तुम्हारा ख्याल रहता ,
बस एक नोटिफिकेशन से ही चेहरा खिल जाता है ।
वैसे तो तरसते रहते हम्म थोड़ी सी भी ख़ुशी को,
लेकिन तुझे देखने के बाद ख़ुशी होती इतनी जैसे कोई खजाना मुझे मिल जाता है ।-
जुल्फे खोलकर तुम यु न इतराया करो ।
ये दिल पहले से ही बैचेन है,
तुम और न बहकाया करो।-