कानों को कोयल की गूंज.....प्यासे को पानी की बूंद लगती हो.....आंखें तो बयां न कर पाए...दिल को तुम जिनती खूब लगती हो...
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ਚਾਵਾਂ ਦੇ ਸਾਹ ਘੁੱਟ ਆਇਆ ਹਾਂ... ਕਰਕੇ ਮਜਬੂਰੀਆਂ.....
ਖ਼ੁਸ਼ੀਆਂ ਵੀ ਓਥੇ ਸੁੱਟ ਆਇਆ ਹਾਂ....ਕਰਕੇ ਮਜਬੂਰੀਆਂ....
ਬੱਸ ਸਾਹ ਜਿਹੇ ਚਲਦੇ ਰਹਿਣ ਦਿੱਤੇ ਨੇ.... ਕੁੱਝ ਕਰਕੇ ਮਜਬੂਰੀਆਂ....
ਦੁਨੀਆਂ ਦੇ ਦੱਸੇ ਰਾਹਾਂ ਤੇ ਪੈ ਆਇਆ ਹਾਂ... ਕਰਕੇ ਮਜਬੂਰੀਆਂ....
ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਓਥੇ ਛੱਡ ਆਇਆ ਹਾਂ... ਕਰਕੇ ਮਜਬੂਰੀਆਂ......
ਬੱਸ ਸਾਹ ਜਿਹੇ ਚਲਦੇ ਰਹਿਣ ਦਿੱਤੇ ਨੇ.... ਕੁੱਝ ਕਰਕੇ ਮਜਬੂਰੀਆਂ....
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छू गई दिल को बात तुम्हारी ये...
के अब ना आएगी याद तुम्हारी ये....
देखे होंगे सपने हज़ार तेरे साथ....पर अब नींद टूटी है....बीच रात हमारी ये....
छू गई दिल को बात तुम्हारी ये....
के अब ना आएगी याद तुम्हारी ये....
दिल ये क्या मान बैठा था....तुझे पहला और आखिरी जान बैठा था....
दिलो जान से रखूंगी.... दिल तोड़ने वाली सौगात तुम्हारी ये.....
छू गई दिल को बात तुम्हारी ये......
के अब ना आएगी याद तुम्हारी ये....
कभी हो ऐसा दिल अपना आपा खो दे.....शायद तुझे याद करके कभी रो दे.....
टूट भी जाऊं तो तुम तक न आएगी बात हमारी ये...
छू गई दिल को...-
आराम नहीं दिल ये संघर्ष मांगता है....
झील नहीं समुंदर सी हलचल मांगता है....
उलझा रहे चाहे मेरा आज...पर दिल ये एक बेहतर कल मांगता है....-
ਗੁੱਡੀਆਂ ਪਤੰਗਾਂ ਦੇ ਹੁਣ ਰਾਹ ਨਈਂ ਰਏ....
ਭੱਜ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੁਣ ਓ ਸਾਹ ਨਈਂ ਰਏ....
ਕੁਲਫੀਆਂ ਟਾਫੀਆਂ ਲਈ ਪੈਸੇ ਤਾਂ ਨੇ....ਪਰ ਓ ਜਿੱਦ ਨਈ ਰਈ ਓ ਚਾਅ ਨਈਂ ਰਏ
ਓ ਬੇਫਿਕਰੀ ਨਹੀਂ ਰਈ ਓ ਮਾਸੂਮ ਸਵਾਲ ਨਈ ਰਏ....
ਨਿੱਕੀਆਂ ਨਿੱਕੀਆਂ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਨਈ ਰਾਈਆਂ....ਨਿੱਕੇ ਨਿੱਕੇ ਮਲਾਲ ਨਈਂ ਰਏ...
ਅੱਖਾਂ ਮੀਚਦੇ ਹੁਣ ਨੀਂਦ ਨਈਂ ਆਉਂਦੀ..... ਓ ਸੁਪਨੇ ਨਈਂ ਰਏ ਓ ਆਰਾਮ ਨਈਂ ਰਏ...
ਓ ਦੋਸਤੀ ਨਈਂ ਰਈ ਓ ਪਿਆਰ ਨਈ ਰਏ...
ਛੇੜ ਵਿਚ ਰੱਖੇ ਓ ਨਿੱਕੇ ਨਾਮ ਨਈ ਰਏ....
ਹੁਣ ਨਾ ਸੂਰਜ ਚੜ੍ਹਦਾ ਵੇਖ ਹੋਏ ਨਾ ਡੁੱਬਦਾ....
ਓ ਖੇਡਾਂ ਨਈਂ ਰਾਈਆਂ ..ਓ ਸ਼ਾਮ ਨਾ ਰਏ...-
खुद की होश नहीं बस तुम ही तुम हो हर दम
जाने कहां हैं हम....
खोए खोए से नशे में रहते हैं.....ना #whisky चाहिए ना #Rum
जाने कहां हैं हम....
बहुतों से बहुत ज्यादा हैं.....बहुतों से हैं बहुत कम.....
जाने कहां हैं हम....
मिट रही है हसरत....पर जाता नहीं है ये घमंड
जाने कहां हैं हम......
मिली जुली सी है ये जिंदगी...कभी सख्त है....तो कभी नम.....
जाने कहां हैं हम.....
मोहब्बत तो ऐसी मिली के भुला दिए हैं सारे गम....
फिर भी जाने कहां हैं हम....-
बस आंखें हैं नम.... कुछ हुआ थोड़ी है....
बंजर जिंदगी में कहां से हरियाली ले आऊं....
यहां आसुओं की बूंदें हैं.....कोई कुआं थोड़ी है....
बस आंखें हैं नम कुछ हुआ थोड़ी है......
जल सा रहा है बदन अंदर से.....
यहां लगी है सचमे आग...खाली धुआं थोड़ी है.....
बस आंखें हैं नम...कुछ हुआ थोड़ी है.....
जिसके इंतजार में बैठे थे हम...आखें बिछाए.....
नोच लिया उसने....खाली छुआ थोड़ी है......
बस आखें हैं नम.....कुछ हुआ थोड़ी है...
मुश्किलें तो आयेंगी....एक चाल से जो सब अपना बना लूं....
जिंदगी है...कोई जुआ थोड़ी है....
बस आंखें हैं नम कुछ हुआ थोड़ी है.....-
चाहता हूं तुम्हारे चेहरे पे मुस्कान देखना... उस मुस्कान की वजह भी बनना चाहता हूं......
चाहता हूं तुम्हे आज़ाद छोड़ दूं....तुम्हे अपनी बाहों में कैद भी करना चाहता हूं......
चाहता हूं तुमपे बंदिशें लगा दूं.... पर तुम्हे आसमां से उप्पर भी देखना चाहता हूं.......
चाहता हूं तुम्हारा हर कहीं जिक्र करूं......पर तुम्हे सबकी नजरों से छुपा के भी रखना चाहता हूं....
चाहता हूं कोई रुकावट ना आए हमारे इश्क में......
इश्क वाली हर मुश्किल भी पार कर जाना चाहता हूं.......
चाहता हूं के हर पल वो मुझे याद करे.......
वो याद भी बस मुस्कान दे जाए यही चाहता हूं.......
भगवान ना करे अगर कभी कुछ हो जाए.....
कभी याद न आए उसे...बस यही चाहता हूं.....-
जिंदगी कभी कभी चलना भूल जाती है....
मध्यम सी लो जैसे तेज़ हवा में...जलना भूल जाती है....
जिंदगी कभी कभी चलना भूल जाती है.....
कुछ भी कर लो...खुद को वही पाओगे.....
दो कदम बड़ाओगे आगे....चार पीछे हो जाओगे....
वक्त की रफ्तार जैसे थमना भूल जाती है.....
जिंदगी कभी कभी चलना भूल जाती है......-