Prerna PREETI   (P.preeti)
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Joined 31 July 2020


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Joined 31 July 2020
21 APR AT 18:32

जब भी मेरे शब्द
मुझसे बग़ावत कर जाते हैं...!
खुदा से उसकी तरह
ख़ामोश रहने का हुनर मांगती हूं...!!

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12 APR AT 7:44

दुनिया की सबसे खूबसूरत..
एहसास तन्हाई हैं ....!
बिन तन्हाई अपनी कहानी...
अपने को समझ नहीं आती...!!



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8 APR AT 7:59

वो अंतिम मोहब्बत की रात थी...
अब कभी वैसी रात और वैसी मैं नहीं मिलुगी...
हमारे जज़्बात तो नहीं बदले हैं..
पर हालात परिवर्तीत हो चुके...!!

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7 APR AT 10:57

Dear Heart,


I always
disappoint you
with my feelings..!




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6 APR AT 23:51

एक खुबसूरत राह को चुनने के लिए..
पुराने संबंध से बिछड़ना होता हैं....!
जब ये दिन की डोली गुजरेगी
और रात चांद का मुखरा दिखाएगा..
तब हम फिर से एक बार आमने-सामने होंगे..!!

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2 APR AT 22:47

बहुत मासूम हैं मेरा साजन..
मोहब्बत की परिभाषा...
सिर्फ एक दहलीज तक के लिए रखा है..!!

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2 APR AT 22:43

कभी कभी सोचती हूं..
हम अंजान ही अच्छे थे...
क्योंकि दो अजनबी हर बात पर
हर बार रूसा तो नहीं करते...!!
अगर बेपरवाह से जज़्बात होते
तो दिल को दर्द भी थोड़े कम होते...!!

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25 MAR AT 21:20

पीछे मुड़ कर खुद को तेरी पनाह में हिलोरे मारते देखती हूं...
एक पिता का प्रेम,साजन सा साथ,
मां की लार,भाई की डांट,
बहन की पुचकार,
अपनापन की प्रचुरता.. परिवार में अपनत्व का भरमार पाया है...
ये दिल वो बचपन सारे कल्प इन आंखें से ओझल नहीं कर पायेगा .!!

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25 MAR AT 13:54

Rango ki masumiyat to dekho...
Jab bhi dusre ko lgaye jate h...
Ye khud ko mitate h...!!
Hume v tere liye ush rang si ban jana h...
Mit kr tujh par oo mere Shiv Baba..
ish Rag rangili yahan se tere pas Ur aana h...!!

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20 MAR AT 11:31


आपकी निगाहों से खुद को देखने लगी हूं...
आपके होने के एहसास को महसूस करने लगी हूं...
आपकी मासुमियत से मुझमें खामोशी सी छा जाती है...!!
या यूं कहें कि मैं ख़ामोश होकर इबादत करने लगती हूं

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