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तरल मृत्यु में शोषित " मैं "
फूलता हूं जीवन लिए।
इदं सर्वस्य आश्रयं ।📜
#inkedapron ◑
जैसे रस्म-ओ-रिवाज में तुम शामिल हो, आम बात है ना!
अब तुम्हारा यूं हरदम याद आना बोलो, आम बात है ना!— % &यूं तो अब तलक बदले कई शख्स इन शहरों की तरह,
तुम्हारा वहीं गांव सा बना रहना बोलो, आम बात है ना!
— % &मेरा कहना बेशक कम हुआ पर जताना अभी बाक़ी है,
हां तुम्हारी तस्वीरों को चूमना ! क्या! , आम बात है ना!— % &खैर... पागल तो ये ज़माना है जो मुझसे नहीं जलता,
तुम सा महबूब पा कर यूं इतराना तो, आम बात है ना।— % &-