ଜୀବନ କାଲି ସବୁଜ ଘାସ ଥିଲା,
ଆଜି ଝଡ଼ି ପଡ଼ିଥିବା ଶୁଖିଲା ପତ୍ରଟିଏ ମାତ୍ର...
- ସୌମ୍ୟ ରଂଜନ ପଣ୍ଡା
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• Sometimes I try to enliven the true events ... read more
बोल दिया करो,
दूसरों से मन की बात कर लिया करो,
दुनिया सुनेगी, बोलेगी, ताना भी देगी,
कोई ना, उसे भी देने दिया करो।
ये ज़िन्दगी सिर्फ आपकी नहीं है, हुज़ूर!
अपने लिए नहीं तो ना सही,
कभी अपनों के लिए ही खुदको संवार लिया करो।-
खत्म ना हो तो भी गम नहीं,
सब सही हो, ना हो तब भी कोई शिकायत नहीं,
जिंदगी तो कोरा कागज़ है, साहेब!
पर किस्मत इकलौता कलम नहीं,
कर्म से जो अपनी तकदीर ना बदल दें,
उसका नाम भी 'जिंदेगी' नहीं।-
दूसरों को जोड़ते जोड़ते, पता नहीं कब खुद ही टुकड़ों में बिखर गयी हूं...
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कब तक बस मैं ही लोगों को समझती रहूँ ?
इंसानों में तो गिनती मेरी भी होती है ना !-
गलती करूँ तो नज़र झुकाना सिखि हूँ,
गलत देखूं तो आवाज़ उठाना सिखि हूँ।
घायल शेरनी हूँ, जनाब!
बचाना सीखी हूँ तो दहाड़ना भी सिखि हूँ ।-
ମୁଣ୍ଡେ ଟାଣି ଓଢଣା ତା'କୁ ବୋହୂ କରିଥିଲେ,
"ଯାହା ଦେବ ଖୁସିରେ" କହି ଥଟ୍ଟା କରୁଥିଲେ।
ଦୁଇ ଦିନେ ଥଟ୍ଟା ଟା ଯେ ବିଦ୍ରୁପ ହୋଇଲା,
ମାସେ ନ ବିତୁଣୁ ବୋହୂ ଦେହୁ ରକତ ବୋହିଲା।
ବରଷକେ ମଣିଷକୁ ପଥର ଯେ କଲେ,
ପାଟି ନ ଖୋଲୁ ବୋଲି ଦିନେ ତଣ୍ଟି ଚିପି ଧରିଲେ।-
प्यार के बदले में आज अपमान साथ ले आयी,
कुछ इसी तरह दुनिआ को और करीब से समझ आयी।-
Your appearance does not matter to me,
but your behavior does.
Be careful with your words, not only with me but with everyone.-