बोल दिया करो, दूसरों से मन की बात कर लिया करो, दुनिया सुनेगी, बोलेगी, ताना भी देगी, कोई ना, उसे भी देने दिया करो। ये ज़िन्दगी सिर्फ आपकी नहीं है, हुज़ूर! अपने लिए नहीं तो ना सही, कभी अपनों के लिए ही खुदको संवार लिया करो।
खत्म ना हो तो भी गम नहीं, सब सही हो, ना हो तब भी कोई शिकायत नहीं, जिंदगी तो कोरा कागज़ है, साहेब! पर किस्मत इकलौता कलम नहीं, कर्म से जो अपनी तकदीर ना बदल दें, उसका नाम भी 'जिंदेगी' नहीं।