16 JAN 2018 AT 3:36

उस माँ का बेटा, जो सरहद पर है,
गर्व से कहती-"मुझे न भय, न गम है।"

उस गृहणी का शौहर, जो शहीद हो गया,
गर्व से कहती-"वे अमर हैं" भले उसकी आँखें नम हैं।

जाँबाज़ सर पर कफन बाँधे निकले हैं,
शत्रु को समाधि दिखाने, यह उनका दम है।

शब्द महज़ एक ज़रिया है, वे अतुल्य हैं।
"उनकी जितनी तारीफ की जाए कम है!"

- अनुराग