रावण के वध को हम हिंसा, मानें ऐसी सोच जगाने
निश्चर माओ की संताने, चले हैं हमको"राम"सिखाने
अरे!राम को जाना हमने, जिसका सुफल ये "आशा" है
असुर कौम के कालनेमियों में, इसलिए निराशा है।
करते थे जो रामद्रोह, वे राम का अर्थ बताने आए।
भ्रात लखन के उपचार से हमको विपथ कराने आए।
ये सब पोषित हैं रावण द्वारा, वित्त वहीं से पाते हैं,
हम मिलकर 'राममय' हैं, इनको तनिक न भाते हैं।
नाना रूप बदलकर आए, शुभ कारज में रूदन गाए
राम अगर मानो तो ऐसे, वैसे इनको नहीं सुहाए,
कालनेमियो! बहुत हुआ,हर चेहरे से हिजाब हटेगा,
काला बुरका के पीछे का काला सच दुनिया देखेगा।
रावण के वध को हम हिंसा, मानें ऐसी सोच जगाने,
निश्चर माओ की संताने, चले हैं हमको राम सिखाने-
हृदय राखि कोसलपुर राजा
मंजिल तलक हैं मोड़ कई,
और कई सराये हैं,
पाँव भी डगमगाए है,
ना जेब में किराये हैं।।
रुख मोड़ पे नहीं मोड़ा
पा सीध में चलाये हैं
इस सराये को मंजिल मानें
महफ़िल यहीं सजाये हैं।-
बर्बर विचार के हर प्रतीक को, आज न कल ढहाना होगा,
हृदय जगत को समतल कर फिर राम मंदिर बनाना होगा।
हो विश्व हित जिन कर्मो से, चर-अचर-जीव दुःख रहित बने,
घट घट से मिट जाये तिमिर, कुछ ऐसा दीप जलाना होगा|
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अगर-मगर कर माफी मांगे, खींचे कश गांजा का
जनता जाति गणना मांगे तो यही फर्ज राजा का
चोर-चुहार सिर ताने अपना,सज्जन सर को झुकाए,
जिसका बटुआ कटा, उसीको यह समाज धमकाए
घर- घर शूटर पहलवान चाण्क्य बैठ पगुराता है
मगर खेल या किसी क्षेत्र में ,एक पदक नहीं आता है।
चले लहरिया चाल बाइकर, दम मारे स्मैकर
पिस्टल ठोकुआ रखे डांढ़ में, रूतबा बड़ा भयंकर
ठंस-ठूंस ट्रेन के टॉयलेट तक में,हर चुनाव हम आते हैं
चुनकर अपने जात का नेता, वापस बंबई जाते हैं
करते हैं हम खूब तैयारी, कलएक्टर बन जाने को
अपना ब्लैक होल भरने को, पैसा खूब कमाने को
यह बिहार का हाल है भईया,नहीं उक्रेन गाजा का
प्रजा यहां की भोली-भाली, दोष कहां राजा का!
दोष कहाँ राजा का!-
तेरे आन से आन हमारी है।
तेरे शान से शान हमारी है।
तेरी महिमा है अभिमान मेरा
तूझसे पहचान हमारी है।-
कोई भी काम इस दुनिया में नामुमकिन नहीं होगा
सनातन था सनातन है सनातन ही सही होगा।
मनोहर लाल खट्टर तुम दिखा दो हौसला अपना
कि हरियाणा में अब कौमी कोई कट्टर नहीं होगा।-
किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित ये आबादी है,
आदमी न कहिए, ये फकत जेहादी है।
कौन पत्थर फेंकता है, ट्रेनों पर कांवरियों पर
मसीत से निकली ये भीड़ ही देश की असली बर्बादी है।-
हम यहीं खड़े
इन पगडंडियों पर
तेरा रस्ता ताक रहे
ये खबर मुझे अब जाके हुई
तुम एक्सप्रेसवे पर चलते हो।-
इस भौतिक संसार में अगर कोई कौम या आदमी ये दावा करता है कि वो बुतपरस्त नहीं है...तो वो महाघोंचु है या पाखंडियेस्ट है।
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जिसके दक्षिण सिन्धुसागर
उसे हिन्दुस्थान कहते हैं,
जो कदमों से सागर नाप दे
उसे हनुमान कहते हैं।-