मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तेरे बिना,
कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना ..!-
खोने वाले खोने की बात करते हैं
पाने वाले पाने की बात करते हैं
हम तो रास्तों से सदा
तेरे लौट आने की बात करते थे-
सिखा दुगा तुम्हें चालाकियां सब झूठ,फरेब,दगा आजमा लेना तुम भी किसी पर
भ्रम में रख कर झुका देना सबको पर यकीनन रिश्ते चलाकियो से नहीं मासूमियत से ही ठिकते है-
थोड़ा ज्यादा क्या जो लिखना है लिख दो
मानता हूं झूठ से किया था शुरू
झूठ पर ही हुआ ख़त्म
में झूठा ही सही मेरे वादे झूठे
पर सच्चा था प्यार मेरा
और सच्चे थें हम-
बिना लफ्जों के
समझ ले आपके जज़्बात
ऐसा हर एक शख़्स नही होता
खैर छोड़ो
बात इशारों से बात करने की हैं ना
तो कुछ ऐसा बनायेंगे रिश्त़ा हम आपसे
रूह से रूह का की कोसों दूर होंगे
आप हम से
फिर भी हालात समझे लेंगे हम आपके-
जिसने भी कहां सच कहां है
यादें रुलाती है
याद आती है वो रुलाती है वो
जब तुम तन्हा होते हो
साथ दे जाती है वो
कुछ यादें तुम्हारी करोचती है दिल को
जब लगता है जी ना पायेंगे तुम बिन-
अब शिकायत है मुझे ख़ुद से थोड़ा भटक गया था
लेकिन अब फिर से तेरा होना चाहता हूं
जैसे तू चाहती है मुझे अपना काम समझ कर वैसे ही में भी तुझे चाहूंगा अपना प्यार समझ कर
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कब तलक यूही बिना इज़हार किए खामोशी से मोहब्बत करते रहोगे, जवाब दो लूट गया हूं तेरे इश्क़ में कुछ तो मेरी मोहब्बत का भी हिसाब दे..!
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हा अब फिर से
वही मंजिल देखनी है
मानता हु मंजिल पुरानी है
लेकिन रास्ते नये दिखाउंगा
हाथ पकड़ कर साथ चलुगा-
ज़िंदगी को लम्हा लम्हा कर देगे इतना आसान
की रोज बिखरने वाली तू
हर रोज संवरने लगेगी-