महकी महकी सी हैं फिजाएं, मौसम भी है खुशनुमा।
महकती हुई सांँझ है, आफताब लग रहा है आसमान।
महकती हुई हवाएं गुनगुनाती हैं गीत मिलन के।
बसन्त बहार का मौसम है, खिल रहे फूल उपवन में।
प्यार की दीवानगी बढ़ती जा रही, देख महकी सी फिजाएं।
कोयल भी गीत गुनगुना रही, मधुर मिलन के गीत सुनाए।
प्रकृति भी नव श्रृंगार कर, वातावरण में नए रंग बिखेर रही।
उल्लासपूर्ण वातावरण है, महकी फिजाएं उमंगे नई जगा रही।-
DOB 12th November
नादान मन समझता नहीं, कर बैठता ही है नादानी।
ख्वाबों को हकीकत समझता है नहीं जानता बेमानी।
छलावे में ही जीता, नादान दिल इतना भी न समझता।
नादानी करके पछताता, तीव्र वेदना मन में रखता।
दुनियां की चालाकियों से नादान, हर एक को अपना समझता।
अपनों से ही ठोकर खाता, फिर भी उन्हें ही अपना हितैषी समझता।-
प्रेम से जुड़े रिश्ते कुछ खास होते हैं।
अटूट विश्वास की नींव पर टिके होते हैं।
अपार प्रेम की डोर बहुत मजबूत होती है।
टिका रहता है रिश्ता, जिंदगी खुशगवार होती है।
प्रेम से जुड़े रिश्तों की डोर अक्सर नाजुक होती है।
गर टूट जाए विश्वास तो दिल को दर्द बहुत देती है।
संभाले ना संभलता वो रिश्ता, जब शक की दीवार खड़ी होती है।
जीना दुश्वार हो जाता, तलाक की नौबत तक आ जाती है।-
तुमको देखा तो जाना कि कितनी हसीन है जिंदगी।
तुझसे मिलकर ऐसा लगा, खुशनुमा हुई मेरी जिंदगी।
दिल का पंछी कैद हो गया, तेरे संग मुस्कुराने लगी जिंदगी।
मिट गए तेरी अदाओं पर, तुमसे ही हैं खुशियांँ जिंदगी में।
तू ही मेरी पहली मोहब्बत, तुझ से ही दिल लगाना चाहूंँ।
ऐसी लागी तुम संग लगन,, तुझे ही हमसफर बनाना चाहूंँ।
हर पल रहता है, तुझसे मिलने का दिल में जुनून।
तू हाथ थाम ले मेरा तो, दिल को मिल जाए सुकून।
तुमको देखा तो जाने कितने अरमान दिल में सजाएं हैं।
कहीं टूट न जाएं वो सारे ख्वाब, जो मैने धड़कनों में बसाए हैं।
प्रेम गंगा
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मुस्कान सदा बिखरती रहे अधरों पर,
ना आए जीवन में कोई गम।
खुशियांँ मिलती रहें सदा,
ना हों कभी तेरी आंँखे नम।
मुस्कान से तन मन स्वस्थ रहता,
गुलाब सम महकता है चेहरा तेरा।
मुस्कान ही चेहरे का नूर है,
इसी पर तो हमें गुरूर है।
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मेरी मांँ ममता की मूरत है, दिल की बड़ी खूबसूरत है।
हर गम छुपा लेती है, दर्द सारा दिल में छुपा लेती है।
मांँ वो जन्नत है जिसका प्यार लफ्जों में ना बयां होता है।
उसके दिल में तो औलाद के लिए ममता का सागर उमड़ता है।-
तेरी भोली सी सूरत पर फिदा ना हो जाएं कहीं हम।
खोकर तेरे नैनों में, कहीं होश न खो बैठे हम।
इतने भी करीब ना आओ कि होश खो बैठे हम।
काबू में रखा है दिल को, कहीं टूट ना जाएं हम।
तेरी मुस्कुराहट को देख कहीं मोहब्बत हो ना जाए तुमसे।
टकरा गई गर सांँसों से सांँसे तो प्यार में खो ना जाएं हम।
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दूर तुमसे हो चले, अब पास कभी ना आयेंगे।
सुख दुख के हम साथी थे, अब तन्हा हम हो जायेंगे।
हमारा साथ तुम्हें गवारा नहीं, हम तुम्हें खुशियाँ दे जायेंगे।
बेरुखी अब सही नहीं जाती, पर दूर तुमसे भी ना रह पायेंगे।
इस नादान दिल का क्या कसूर था, जो पल भर में तोड़ दिया।
किसी ओर संग दिल लगाकर, तन्हा हमें क्यों छोड़ दिया। इस टूटे हुए दिल से फिर भी देती हूंँ दुआ, खुश रहना सदा।
हम तो तन्हाइयों में दिन गुजार लेंगे, होकर तुम से जुदा।
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एक कप कॉफी के साथ,
गर मिल जाए तेरा साथ।
कितने हसीन होंगे दिन,
और उतनी ही हसीन होगी रात।
बात करने का इससे बेहतर ना मौका होता,
कॉफी की चुस्कियों के साथ हो जाती पक्की यारी।
कॉफी पल भर में खत्म हो जाती,
तो बातें दिल में ही रह जाती सारी।-
सरहद पार मेरा प्यार रहता है।
अकेलापन उसे बहुत सताता है।
नफ़रत की आग मुझे आने ना देती है।
तेरा प्यार की यादें मुझे जीने ना देती हैं।
सरहद के उस पार मैं आना ना चाहता हूंँ।
बैठा हूंँ तन्हा, तेरी यादों को भुला ना पाता हूंँ।
यादें जो तेरे प्यार की संजो रखी हैं दिल में, मिटा देंगे।
पुरानी यादों को भुलाकर किसी ओर से दिल लगायेंगे।
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