हाँ सबसे थोड़ी अलग हूँ,चाल ढाल भी थोड़ा अनोखा है
पर खुदा के ईस मेहफिल में ,कुछ हेसियत मेरा भी रहता है
ना संपुर्ण नारीत्व से भरी हूँ,ना मुझ में पुरूष का पौरुष भरा है
फिर भी में एक शख्सियत हूँ,कुदरत ने जरुरत मुझे भी माना है
पर समाज में, में ईतनी खास नही हूँ,ना मेरी सुन्दरता ये दुनिया दिखता है
परिवार ने भी अलग बिराद्री मानी,और मुझे देख पुरा दुनिया हसता है
किसी को परवाह नहीं ,तो कदर का क्या कहूँ
अहमियत का एहसास नही,तो अधिकार का क्या कहूँ
भले कोई मेरा सोचे ना सोचे,मुझे सबकी खुसी की खबर है
आशीष देने वहां नाच गाने के साथ जाती, बस मेरी ताली से ही उत्तर ती नजर है
बाजार या ट्रेन घर नहीं है मेरा,जाहाँ में ताली बजाकर घुमती हूँ
भले मेरा कोई ठिकाना नहीं, पर में बस अपनी कर्तव्य करतीं हूँ
स्वाभिमान या सनमान नहीं है,ना कोई अपना ना अधिकार है
फिर में जीतीं हूँ ,ईसलिए समाज मुझे किन्नर कहलाता है.....
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What is love :
When you pray for someone's happiness whether you are included in that happiness or not-
आपने ने सोचा में आप से रुठे थीं
या फिर आपके भावनाओं को छली थीं
ये सोचना भी अपका लाजमी था
आखिर मुलाकात किये बिना जो आयी थी
ये गलतफहमी जो दिल में थी
ईसका हकीकत कुछ ओर ही थी
आपके आखों से नजरें मिलाके
अलबिदा बोलना मुश्किल थीं
क्या करती!!ये मोहब्बत थीं
जो बार बार कमजोर बना रही थीं
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इंतज़ार जब कुछ मिनट का था
तो तब वो "जरूरत" था
जब इंतजार घंटो का हो चला
तो "भरोसा" बन चला
जब इंतजार कुछ हप्ते का हुआ
तो ये "दोस्ती" कहलाने लगा
जब इंतजार महिनों में तब्दील हुआ
तब वो "आदत" हो चुका था
अब वापस आने की गुंजाइश भी नहीं पर फिर भी इंतजार है
सायद यहि" प्यार" है.....-
बचपन से हर नारी को ये सीख दी जाती है
"कि एक पुरूष के साहारा, सहयोग ओर सुरक्षा के बगैर एक नारी अपरीपूर्ण है"
आज मे उन सभी पुरुषों को शुक्रिया अदा करती हूँ, जिन्होंने एक पिता के रूप में, एक भाई के रूप में, एक दोस्त के रूप में, मेरे जिदंगी से जुडते हुए ,मुझे ये सिखाया है
" की एक नारी ओर एक पुरुष, एक दुसरे के बराबर के जरूरत है ओर एक दूसरे के साथ ओर बिश्वास से ही संपूर्ण है|"
-Preetilagna Nanda
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वो भी क्या लम्हा था!!
जब हर दुआओं में उसको मांग था
ख्वाबों में उसे ही सजाया था
साथ बिताया पल
दिल में मोहब्बत की अमानत कहलाता था!!
वो भी क्या लम्हा था!!!
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कभी जज्बात जुडते थे ,
अब बस यादें जुडी़ है
कभी अकेले भी खुश थे,
अब अकेलापन खलता है
बात किये बिना जिनका एक दिन ना जता था
उनसे बात भी आज किसी बहाने से होती है
कमाल है ना जिदंगी!!!
कल जिनके करीब जाने का सोचा भी ना था
आज उनसे दुर होके तड़पते हैं
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गुम हो चले है
तुम्हारे अजिज यादों में
मदहोश हो चले है
तुझे पाने की चाहत
खोने के डर से ढेर उपर है
अब मन्जिल बना के तुम्हें
ईस सफर में चले है
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सिर्फ मामुली धागा ना समझना
ये हमारे रिश्ते की पहचान है
ईस धागे को कमजोर ना मानना
इसका हर तागा बिश्वास से बना है
सजी हुई ये आरती की थाली में
एक बहन का प्यार ओर मान है
हर कदम में साथ देगा ,ईस उम्मीद से
भाई तेरे कलाइ में राक्षी बांधा है
उपहार में ढेर सारा प्यार भेजना
मनत तो आज तुझेसे यही है
मेरी सारी खुसी तेरे हिस्से में आये
उस रब्ब से बस आज यही दुआ है
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सारे जहाँ में सुन्दर जो ,नाम भी जिसका न्यारा है
जाती भाषा से बढ़कर देशप्रेम जहाँ मुल धारा है
रगं बर्ण से उपर जहाँ दिल का रिश्ता प्यारा है
वो भारत देश हमारा है, वो भारत देश हमारा है||
तीन रंग एक चक्र से सजा वो झण्डा जिस की शान है
विश्व विजयी कहलाता वो तिरंगा जिसका पेहचान है
विरता अमन मत्री बिकास जाहाँ की सींगार है
वो भारत देश हमारा है, वो भारत देश हमारा है||
सिर्फ तिरंगा लहरा ने के खातिर जहाँ कितनों की जान कुर्बान है
सब का मगंल कामना करता जहाँ का राष्ट्रीय गान है
सब विभिन्नता को परे रख भारतीय जिनका पेहचान है
वो भारत देश महान है, वो भारत देश महान है||
जय हिंद......
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