लोग बात तो नहीं करते
पर पोशाक से न जाने क्या समझ जाते है
न जाने बिना लब ही खोले
सारा सारांश समझ जाते है
ये दुनिया ऐसी क्यों है?
जहाँ कोई कुछ भी बोलता नहीं
और पराया बना देता है
जहां आपका आकलन बस
एक झलक में ही हो जाता है।-
तड़प तुझ में भी है, और मुझमें भी है ,
बस तुझे तैयार होने को है और मुझे बस तुझे पीने को है।
वाह!चाय-
साथ रहकर भी अधूरेपन लड़ते है,
वो कहते तो है साथ है हम,
पर बातें किसी और से करने को तरसते है।-
खुशी से भर जाते है हम,
तुम जब हमे भर आंख देख लेते हो।
खुशी से भर जाते है हम,
जी भर तुमसे बात कर लेते है।
जो जाता है सब आसान
जब पास तुम होते हो
आंखों से बहने लगती है नदी
फिर भी खुशी से भर जाते है हम।-
खुशी से भर जाते है हम,
तुम जब हमे भर आंख देख लेते हो।
खुशी से भर जाते है हम,
जी भर तुमसे बात कर लेते है।
जो जाता है सब आसान
जब पास तुम होते हो
आंखों से बहने लगती है नदी
फिर भी खुशी से भर जाते है हम।-
जरा सी बारिश ने माहौल ही बदल दिया
अच्छे सी खासे काम काजी इंसान को गाने को मजबूर कर दिया😀-
Khushiyo se malemal kar ke har bar ek gam de jate ho
Kahate ho bas tumhara hu aur udhar par kisi aur ke ho jate ho...-
क्यूं तुम मेरे करीब नहीं आते हो?
क्यूं मुझे इतना सताते हो?
मेरे मन का हाल जान तुम,
क्यूं नहीं नेह जताते हो?
जानती हूं मैं सब,
सब तुम समझते हो,
मन की पीड़ा का तुम,
क्यूं नहीं उपचार लगाते हो?
तरसती हूं ,
तड़पती रहती हूं,
क्यों नहीं मेरे बाहों को खींच,
अपने सीने लगाते हो?
अनछुई सी हूं,
पर छूवा है तुमने कितनी बार,
मेरे मन के देवता,
क्यूं मुझसे अपनी आंखें फेरते हो?
तुम राही बहुत दूर के,
जानती , समझती हूं,
पर मेरे प्रिय,
क्यूं मेरा राह छोड़ देते हो?
क्यूं तुम मेरे करीब नहीं आते हो?
क्यूं मुझे इतना सताते हो?-
सरफिरा दिल है बावरा सा हो गया,
न जाने उस दिन क्या बात हुई ,
दिल तुम्हारा हो गया।
हो तुम अजीब से,
अटपटे भी,
फिर भी न जाने क्या भा गया।
सरफिरा दिल है बावरा सा हो गया।
मिले तुम अचानक ही,
एक ही मुलाकात हुई,
तुम थे अजनबी,
न जाने कैसे बात हो गई।
होना तो था नहीं कुछ भी ऐसा,
फिर भी तुम करीब आ गए,
कुछ न होकर भी,
रिश्ता तुमसे जुड़ गया।
सरफिरा दिल है बावरा सा हो गया।
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चांदा की चंदनी तेरा रूप है मेरी मोहनिया,
प्यारी सी तू भोली री सुगनिया।
जी करता तुझे प्यार करू दिन रात ढेरों,
मां की जान तू मेरी चांदनिया।
अलबेली अनोखी है तू मेरी गुड़िया,
चलती तू ढूंन मुन गिरती मेरी चिड़िया।
कहती जब तू मां मां की पुकार,
मन हर लेती मेरी रे मोहनिया।
चांदा की चंदनी तेरा रूप है मेरी मोहनिया,
प्यारी सी तू भोली री सुगनिया।
मखमल सा तेरा स्पर्श,
रूई के फाहे सा तेरा बदन।
मीठी तू चीनी से भी ज्यादा,
मक्खन है तू मेरी सुगनिया।
मईया की तू सोने की चिड़िया,
चू चू करती रहती तू गुड़िया,
नन्ही सी प्यारी सी रूप लावण्य तेरा,
बहुत ही छोटी है तू मेरी मुनिया।
चांदा की चंदनी तेरा रूप है मेरी मोहनिय,
प्यारी सी तू भोली री सुगनिया।
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